भारत और चीन (India China) के बीच सीमा पर विवाद गहराता जा रहा है. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मॉस्को में चीन के रक्षामंत्री से राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मुलाकात कर सकते हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) रूस के दौरे पर गए हैं. वह यहां शंघाई सहयोग संगठन की शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर रूस गए हुए हैं.
हालांकि, गुरुवार को भारत की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि ये मुलाकात हो सकती है. मुलाकात कब होगी अभी इसकी आधिकारिक जानकारी आना बाकी है. इससे पहले जून महीने में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) रूस पहुंचे थे, तब भी उन्होंने राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चीनी प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं की थी.
इससे पहले गुरुवार को जानकारी आई थी कि चीनी रक्षा मंत्री वांग फेंगही ने शिखर बैठक के इतर अलग से राजनाथ सिंह से (Rajnath Singh) मीटिंग करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) उनके साथ अलग से बैठक कर सकते हैं.
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रूस में होने वाली इस मुलाकात को लेकर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ चीनी रक्षा मंत्री की मुलाकात होती है तो अच्छा होगा. लिखा गया है कि इस मुलाकात से अबतक जो भी गलत अंदेशे सामने आए हैं, वो दूर होंगे. अगर बातचीत से इस विवाद का हल निकलता है तो दोनों के लिए बेहतर होगा.
सेना प्रमुख ने दी सीमा के हालात की जानकारी Rajnath Singh
मालूम हो कि भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात ठीक नहीं है. देशों देशों की फौजें आमने-सामने हैं. इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन सेना हर चुनौती के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने से स्थिति नाज़ुक बनी हुई है लेकिन जवानों का मनोबल ऊंचा है.
गौरतलब है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनावपूर्ण हालात हैं और भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं. तनाव को देखते हुए भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे दो दिवसीय लद्दाख दौरे पर हैं, जहां वह सभी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं.
आज मीडिया से बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि एलएसी पर स्थिति नाजुक और गंभीर है.
फॉरवर्ड लोकेशन का किया था दौरा Rajnath Singh
गुरूवार को सेना प्रमुख ने कुछ फॉरवर्ड लोकेशनों का भी दौरा किया था, जिनके नाम सेना ने नहीं बताए है. अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे.
सेना प्रमुख के इस दौरे से पहले बुधवार को वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पूर्व कमान का दौरा किया था. जनरल नरवणे गुरुवार तड़के लेह पहुंचे और वहां मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की. उन्होंने चीन के रणनीतिक प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर चर्चा की.
मालूम हो कि पैंगोंग के दक्षिणी इलाके में हुए 29-30 अगस्त को सेना की कार्रवाई के बाद उनका यह दौरा अहम माना जा रहा है.
इधर पैंगोंग के उत्तर में भी तनाव बढ़ा है. भारत और चीन (India China) की सेनाएं बात कर तनाव घटाने की कोशिश में जुटी हैं, लेकिन बॉर्डर टेंशन बढ़ी है.
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक भारतीय इलाकों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. वहीं भारत और चीन (India China) देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. हाल ही में चीन ने पैंगोंग त्सो में यथास्थिति को बदलते हुए ऊकसाउ घुसपैठ की है, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी कार्रवाई की.