भारत ने पूरी तरह स्वदेशी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमोन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सोमवार को सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा ओडिशा तट के पास डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट (HSTDV) का सफल परीक्षण किया गया.
सूत्रों की मानें तो हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए आज का परीक्षण एक बड़ा कदम है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई है. उन्हें इसे देश के लिहाज से अहम उपलब्धि करार दिया है.
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रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को प्रधानमंत्रीजी के आत्मनिर्भर भारत की दिेशा में हासिल की गई महत्वपपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं. मेरी इस प्रोजेक्स से जुड़े वैज्ञानिों से बात हुई है और मैंने इस बड़ी उपलब्धि पर उन्हें बधा दी है.भारत को उन पर गर्व है.’
The @DRDO_India has today successfully flight tested the Hypersonic Technology Demontrator Vehicle using the indigenously developed scramjet propulsion system. With this success, all critical technologies are now established to progress to the next phase.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020
क्या होता है हाइपरसोनिक विमान
HSTDV (हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल) हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के लिए मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है.
जो विमान 6126 से 12251 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़े, उसे हाइपरसोनिक विमान कहते हैं.
भारत के एचएसटीडीवी (HSTDV) का परीक्षण 20 सेकंड से भी कम समय का था. 12,251 किलोमीटर प्रतिघंटा यानी 3.40 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति. इतनी गति से जब यह दुश्मन पर हमला करेगा तो उसके बचने का मौका भी नहीं मिलेगा.
परीक्षण से क्या मिलेगा फायदा
HSTDV के सफल परीक्षणों के बाद अगर इसे बनाकर उड़ाने में एक बार इसमें सफलता मिल जाएगी तो भारत ऐसी तकनीक हासिल करने वाले देशों के चुनिंदा क्लब में शामिल हो जाएगा.
इस विमान का उपयोग मिसाइल और सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए हो सकता है.
इस्तेमाल कम लागत पर उपग्रह लॉन्च करने के लिए भी किया जा सकता है.
इससे पहले पिछले साल जून के महीने में भी HSTDV का परीक्षण किया गया था.
वहीं चीन ने पिछले साल अपने पहले हाइपरसोनिक (ध्वनि से तेज रफ्तार वाले) विमान शिंगकॉन्ग-2 या स्टारी स्काय-2 का सफल परीक्षण किया था.