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मेडिक्लेम लेते समय सावधान रहें, कहीं आपके नाम से फर्जी बैंक खाता न खुल जाए

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  • आईटी नोटिस के बाद कारखाने के मालिक को धोखाधड़ी का मामला पता चला
  • मूल दस्तावेज ले जाने वाले व्यक्ति ने फर्जी खाता खोलकर वित्तीय लेनदेन किया
  • धोखेबाज और सहयोगी बैंक कर्मचारी दोनों के खिलाफ मामला दर्ज

अहमदाबाद: क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप मेडिक्लेम के लिए अपने मूल दस्तावेज जमा करेंगे, तो कोई आपको धोखा दे सकता है?

लेकिन अगर आपने इसके बारे में नहीं सोचा है, तो इसके बारे में सोचें. क्योंकि मेडिक्लेम के लिए मूल दस्तावेज लेकर और उसके आधार पर फर्जी खाता खोलकर वित्तीय लेनदेन भी किया जा रहा है.

उसका बिल आपके सिर पर आ रहा है.

ऐसी ही एक घटना में आयकर विभाग ने फैक्टरी मालिक को आयकर रिटर्न में 31 लाख रुपये के लेन-देन नहीं दिखाने के लिए नोटिस भेजा है.

नोटिस मिलने के बाद कारखाने के मालिक को पता चला कि जिस व्यक्ति ने मेडिक्लेम को लेकर दस्तावेज ले गया था उसी ने उसके नाम पर फर्जी खाता खोलकर नोटबंदी के दौरान 31 लाख रुपये का लेनदेन किया था.

फैक्ट्री मालिक के फर्जी हस्ताक्षरों से बैंक खाता खोलने वाले और बैंक अधिकारी के खिलाफ पालड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है.

मूल दस्तावेज क्यों दिया गया

अहमदाबाद के शाहपुर इलाके के नागोरीवाड में किताब-बाइंडिंग फैक्ट्री के मालिक अमरीश भाई दत्त ने पालड़ी में सिद्धचक्र अपार्टमेंट में रहने वाले हिमांशू रजनीकांत शाह को मेडिक्लेम के लिए दस्तावेज दिया था.

अमरीशभाई ने हिमांशु को पैन कार्ड, आधार कार्ड, चुनाव कार्ड की कॉपी के साथ ही साथ फोटो दिया था.

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घोटाला कब सामने आया?

27 अप्रैल, 2016 की सुबह हिमांशुभाई ने मूल दस्तावेज अमरीशभाई को सौंप दिया. वेजलपुर आयकर कार्यालय के अधिकारी पीडी वाघेला ने मई 2019 में अमरीशभाई को फोन कर कहा कि आप आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे.

नोटिस का जवाब भी नहीं दे रहे. इसका जवाब देने के लिए आपको हमारे दफ्तर आना पड़ेगा.

किस नाम से खाता खुला?

अमरीशभाई जब आयकर ऑफिस में गए तो उन्हे अधिकारी ने बताया कि आपने सेंट्रल बैंक वसाना में खाता खोलने का विवरण नहीं भरा है. तो अमरीशभाई ने कहा कि मेरा वहां कोई खाता ही नहीं है.

अधिकारी ने बैंक में जांच करने के लिए कहा अमरीशभाई जब बैंक में जानकारी ली तो पता चला कि उनके नाम का चालू खाता नीता ट्रेडर्स के नाम से मौजूद है.

आरोपी ने क्या पेशकश की

मामला सामने आने के बाद आरोपी ने मामले को सुलझाने का ऑफर दिया. इतना ही नहीं आरोपी ने कहा कि मैं बैंक का खाता बंद कर दूंगा और इनकम टैक्स में जो पैसा भरना है उसे भी भर दूंगा.

लेकिन मामला इतने दिन बाद भी वैसे का वैसा बना हुआ था. जिसके बाद अमरीश भाई ने आरोपी हिमांशु शाह और सेंट्रल बैंक के एक अधिकारी के खिलाफ पालड़ी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है.

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