Gujarat Exclusive > राजनीति > जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं होगा, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का करेगा बहिष्कार: गुलाम नबी आजाद

जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं होगा, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का करेगा बहिष्कार: गुलाम नबी आजाद

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  • देश की सियासत में कृषि बिल पर गहराता जा रहा है विवाद
  • रविवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों को किया गया था निलंबित
  • विपक्ष सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर कर रहा है विरोध

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक राज्यसभा के आठ सदस्यों का मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.

इतना ही नहीं उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के अंदर इस बिल को लेकर तालमेल नजर ही नहीं आ रहा है.

कृषि बिल पर गहराता जा रहा है विवाद

शून्यकाल के बाद गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में यह भी मांग की कि सरकार को ऐसा बिल लाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीदें.

आजाद ने केंद्र सरकार से कहा कि सरकार को स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार, समय समय पर अनाज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते रहना चाहिए.

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चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों को किया गया था निलंबित

गौरतलब है कि रविवार को राज्यसभा में कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा करने की वजह से कल राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सदन के सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन.

कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह. माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम को निलंबित कर दिया था.

जिसके बाद से निलंबित सांसद संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के पास धरना कर रहे हैं.

विपक्ष सांसदों के निलंबन पर बोल चुका है हमला

विपक्ष ने 8 राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है.

इस मामले को लेकर कल ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था “किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने वाले 8 सांसदों का निलंबन इस लोकतांत्रिक सरकार की मानसिकता के लिए दुभाग्यपूर्ण और चिंतनशील है.

जो लोकतांत्रिक मानदंडों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करती है. हम संसद और सड़कों पर इस फासीवादी सरकार से लड़ते रहेंगे.”

वहीं इस मामले को लेकर राहुल गांधी ने हमला बोलते हुए कहा था “लोकतांत्रिक भारत की आवाद को बंद करना जारी है.

शुरू में इसे शांत किया गया और अब किसान बिल का विरोध करने वाले सांसदों को निलंबित कर दिया गया.

इस सर्वज्ञ सरकार के अंतहीन अहंकार ने पूरे देश के लिए आर्थिक संकट ला दिया है.”

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