- विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में पास हुआ कृषि से जुड़ा तीसरा बिल
- सांसदों के निलंबन को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष कर रहा है विरोध
- इससे पहले रविवार को दो बिल राज्यसभा में हो चुका है
राज्यसभा में रविवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि से जुड़े दो विधेयक पास हो गए थे. किसानों से जुड़े इस बिल पर देश में सियासत तेज हो गई है.
इस बीच जानकारी मिल रही है विपक्ष के राज्यसभा की कार्यवाही के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में कृषि से जुड़ा तीसरा बिल भी पास हो गया है.
इस बिल के तहत अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज व आलू जैसे आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई है.
तीसरा बिल भी राज्यसभा में हुआ पास
इस बिल के तहत उत्पादन, भंडारण और डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा. इतनी ही नहीं फूड सप्लाई को लेकर मौजूदा चैन को आधनिकीकरण के साथ जोड़ा जाएगा इसके साथ ही साथ इस बिल के साथ कई अन्य प्रावधान को भी जोड़ा गया है.
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सांसदों के निलंबन का विपक्ष कर रहा है विरोध
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक राज्यसभा के आठ सदस्यों का मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.
इतना ही नहीं उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के अंदर इस बिल को लेकर तालमेल नजर ही नहीं आ रहा है.
सभापति वेंकैया नायडू ने किया अपील
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने विरोध कर रहे विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर चर्चा में भाग लेने की अपील की.
लेकिन सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दल के सांसदों ने मांग किया कि सांसदों ने निलंबन का फैसला फौरन वापस लिया जाए.
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही उस वक्त सही मायने में चलती है जब सरकार और विपक्ष एक साथ बैठकर चर्चा करें.
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