भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर सोमवार देर रात UNGA की एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता है. व्यापक सुधारों के बिना संयुक्त राष्ट्र पर विश्वास का संकट है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने संबोधन में कहा कि 75 साल पहले, युद्ध की भयावहता से एक नई आशा पैदा हुई. मानव इतिहास में पहली बार, पूरी दुनिया के लिए एक संस्था बनाई गई थी. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के संस्थापक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत उस महान दृष्टिकोण का हिस्सा था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने कहा,
‘आज दूरंदेशी घोषणाओं को स्वीकार किया जा रहा है. लेकिन संघर्ष को रोकने, जयवायु परिवर्तन, विकास को सुनिश्चित करने, असमानता घटाने और डिजिटल का लाभ उठाने जैसे मुद्दों पर अभी और काम करने की आवश्यकता है. हम पुरानी संरचनाओं के साथ आज भी चुनौतियों से लड़ नहीं सकते हैं. व्यापक सुधारों के बिना संयुक्त राष्ट्र पर विश्वास का संकट है.‘
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाने से संबंधित एक दूरंदेशी घोषणा सोमवार को सर्वसम्मति से स्वीकार की जो आतंकवाद से लड़ने के लिए तंत्र को मजबूत करने, बहुपक्षवाद संबंधी सुधारों, समावेशी विकास और कोविड-19 जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयारी का आह्वान करती है. इस घोषणा को 193 सदस्यीय सभा में सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.
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शांति और विकास के लिए भारत रहा आगे
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि इसने भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन को प्रतिबिंबित किया, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की वजह से आज हमारी दुनिया एक बेहतर जगह है. हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने शांति और विकास के लिए काम किया और संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले उसके शांति अभियानों में योगदान दिया. इसमें भारत ने अग्रणी रहकर अपना योगदान दिया.
IIT गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह में बोले पीएम
उधर पीएम मोदी (PM Modi) ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी (IIT Guwahati) के दीक्षांत यानी कोनवोकेशन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरा स्पष्ट मानना है कि एक राष्ट्र का भविष्य वही है जो आज के युवा सोचते हैं. आपके सपने भारत की वास्तविकता को आकार देंगे. इसलिए ये समय भविष्य के लिए तैयार होने का है. ये समय अभी से भविष्य में फिट होने का है.
उन्होंने कहा कि मुझे भलीभांति अहसास है कि इस महामारी के दौरान अकेडमिक सत्र को पूरा करना, रिसर्च को जारी रखना, कितना कठिन रहा है. लेकिन फिर भी आपने ये सफलता पाई है. आपकी इस कोशिश के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आपके इस योगदान के लिए मैं आपको बधाई देता हूं.
‘रिचर्स की आदत बनाए रखिए’
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा, “मुझे खुशी है कि आज इस कोनवोकेशन में हमारे करीब 300 युवा साथियों को अवॉर्ड दिया जा रहा है और ये एक बहुत पॉजिटिव ट्रेंड है. मुझे विश्वास है कि आप सब यहीं नहीं रुकेंगे, बल्कि रिसर्च आपके लिए एक आदत बन जाएगी, आपके सोचने की प्रक्रिया का हिस्सा बनी रहेगी.”
NEP पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति को multi-disciplinary बनाया गया है. सब्जेक्ट्स की फ्लेक्सिबिलिटी दी गई है. इसमें मल्टीपल एंट्री-एग्जिट के अवसर दिये गए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा को टेक्नोलॉजी से जोड़ेगी यानि छात्र टेक्नोलॉजी के बारे में भी पढ़ेंगे और टेक्नोलॉजी के जरिए भी पढ़ेंगे.”