- उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र व्यक्त की अपनी संवेदना
- कहा पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा,आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इस पत्र को पढ़ने की किया अपील
विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि का तीसरा बिल भी पास हो चुका है. रविवार को राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान विरोध करने वाले 8 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है.
सांसद अपने निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश आज सुबह विरोध करने वाले सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे.
लेकिन सांसदों ने चाय पीने से इनकार कर दिया. इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने 24 घंटे उपवास पर रहने का फैसला किया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा पत्र
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे अपने पत्र में उपसभापति हरिवंश ने लिखा “20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा,आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं. मैं पूरी रात सो नहीं पाया.”
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पत्र में उन्होंने लिखा “जेपी के गांव में पैदा हुआ. सिर्फ पैदा नहीं हुआ, उनके परिवार और हम गांव वालों के बीच पीढ़ियों का रिश्ता रहा. गांधी का बचपन में गहरा असर पड़ा.
गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे हमेशा प्रेरित किया. लेकिन माननीय सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ.
आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई. उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गई. सदन में माननीय सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी.
मेरे ऊपर फेंका. सदन के जिस ऐतिहासिक टेबल पर बैठकर सदन के अधिकारी सदन की महीन पंरपराओं को शुरू से आगे बढ़ाने में मूक नायक की भूमिका अदा करते रहे हैं.
उनकी टेबल पर चढ़कर सदन के महत्वपूर्ण कागजात-दस्तावेजों को पलटने फेंकने वा फाड़ने की घटनाए हुई. नीचे से कागज को रोल बनाकर आसन पर फेंके गए.
नितांत आक्रामक व्यवहार, भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए. हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का पूरा दृश्य पूरी रात मेरे मस्तिष्क में छाया रहा.
इस कारण मैं सो नहीं सका. स्वाभावत अंतर्मुखी हूं गांव का आदमी हूं, मुझे साहित्य, संवेदना और मूल्यों ने गढ़ा है.”
Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh to observe one-day fast against the unruly behaviour with him in the House by Opposition MPs during the passing of agriculture Bills on 20th September pic.twitter.com/cphCDVHrqM
— ANI (@ANI) September 22, 2020
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के इस पत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा “माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा उसे मैंने पढ़ा.
पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है. यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी. इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी. मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें.
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