- संसद में कृषि बिल के विरोध करने के तरीके पर मायावती ने उठाया सवाल
- कहा लोकतंत्र की मन्दिर को अनेकों बार किया गया है तार-तार
- विपक्ष के व्यवहार से संसद की मर्यादा और संविधान की गरिमा हुई शर्मसार
- विरोध करने वाले 8 सासंदों को किया जा चुका है सस्पेंड
किसानों के हंगामे के बावजूद भी लोकसभा और राज्यसभा में कृषि बिल पास हो गया है.
राज्यसभा में रविवार को किसानों से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.
इस मामले को लेकर विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही के बहिष्कार का ऐलान किया है. राज्यसभा के सांसदों के निलंबन के बाद देश में सियासत तेज हो गई है.
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विपक्ष पर हमला बोला है.
विपक्षी दलों पर मायावती ने बोला हमला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा “वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है.
वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है. अति-दुःखद.”
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वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है। अति-दुःखद।
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2020
इससे पहले मायावती कृषि बिल का कर चुकी हैं विरोध
लोकसभा में कृषि बिल पास होने के बाद पिछले शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बिल को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा “संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही.
कल पास कर दिये गये हैं. उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है. पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा.”
चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों को किया गया था निलंबित
गौरतलब है कि रविवार को राज्यसभा में कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा करने की वजह से कल राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सदन के सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन.
कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह. माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम को निलंबित कर दिया था.
जिसके बाद से निलंबित सांसद संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के पास धरना पर बैठ गए थे.
लेकिन कल विपक्ष ने ऐलान किया कि जबतक इनके निलंबन को वापस नहीं लिया जाएगा विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.
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