- कृषि से जुड़े बिलों पर जारी है सियासी गतिरोध
- विपक्षी दल के नेता आज राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
- विपक्ष राष्ट्रपति से बिल को स्वीकृति नहीं देने की करेगा अपील
- राज्यसभा के सांसदों के निलंबन का उठा सकते हैं मुद्दा
किसानों के विरोध और राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि से जुड़े तीन अहम बिल पास हो गया बावजूद इसके सियासी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा.
इस बीच जानकारी मिल रही है कि विपक्षी दल के नेता आज शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे.
वह राष्ट्रपति से मिलकर इस कृषि बिल पर स्वीकृति नहीं देने की अपील कर सकते हैं.
आज पांच बजे राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले विपक्षी दल के सदस्यों ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद के कार्यालय में एक बैठक की.
इस बैठत में कृषि बिल को लेकर आगे की रणनीति बनाई गई. इतना ही नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार विपक्षी दल के नेता राष्ट्रपति से सांसदों के निलंबन का मुद्दा भी उठा सकते हैं.
राष्ट्रतपति भवन ने विपक्षी दल के प्रतिनिध मंडल को मिलने का वक्त दे दिया है.
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चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों को किया गया था निलंबित
गौरतलब है कि रविवार को राज्यसभा में कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा करने की वजह से कल राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सदन के सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन.
कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह. माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम को निलंबित कर दिया था.
जिसके बाद से निलंबित सांसद संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के पास धरना पर बैठ गए थे.
लेकिन कल विपक्ष ने ऐलान किया कि जबतक इनके निलंबन को वापस नहीं लिया जाएगा विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.
तीसरा बिल भी राज्यसभा में हुआ पास
इस बिल के तहत उत्पादन, भंडारण और डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा. इतनी ही नहीं फूड सप्लाई को लेकर मौजूदा चैन को आधनिकीकरण के साथ जोड़ा जाएगा इसके साथ ही साथ इस बिल के साथ कई अन्य प्रावधान को भी जोड़ा गया है.
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