स्वरकोकिला व भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज जन्मदिन है. वह 91 साल की हो गई हैं. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के 91वें जन्मदिन पर पीएम मोदी (PM Modi) ने उन्हें कॉल कर बात की और सोशल मीडिया पर ट्वीट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. लता दीदी के जन्मदिन पर देश और दुनिया में मौजूद करोड़ों फैंस उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके सूरीले गानों को याद कर रहे हैं.
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “आदरणीय लता दीदी से मैंने बात की और उन्हे जनमदिन की शुभकामनाएं दी. उनके अच्छे और स्वास्थ और लंबी आयु की कामना करता हूं. लता दीदी का नाम हर घर में जाना जाता है. मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे उनका प्यार और आशीर्वाद मिला.”
Spoke to respected Lata Didi and conveyed birthday greetings to her. Praying for her long and healthy life. Lata Didi is a household name across the nation. I consider myself fortunate to have always received her affection and blessings. @mangeshkarlata
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी लता
स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद और कोकिला जैसे सारे विशेषण जो लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के लिए गढ़े गए, वे हमेशा ही नाकाफी लगते रहे हैं. महाराष्ट्र में एक थिएटर कंपनी चलाने वाले अपने जमाने के मशहूर कलाकार दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ. मधुबाला से लेकर माधुरी दीक्षित और काजोल तक हिंदी सिनेमा के स्क्रीन पर शायद ही ऐसी कोई बड़ी अभिनेत्री रही हो जिसे लता मंगेशकर ने अपनी आवाज उधार न दी हो.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम
हजारों से अधिक गाने के साथ 1991 में ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने माना था कि लता (Lata Mangeshkar) दीदी दुनिया भर में सबसे अधिक रिकॉर्ड की गई गायिका हैं. भजन, गजल, कव्वाली शास्त्रीय संगीत हो या फिर आम फिल्मी गाने लता ने सबको एक जैसी महारत के साथ गाया. लता मंगेशकर की गायिका के दीवानों की संख्या लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है और आधी सदी के अपने करियर में उनका कोई सानी कभी नहीं रहा.
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जब भारत छोड़ो आंदोलन अपने शीर्ष पर था तब 1942 में सिर्फ 13 वर्ष की लता (Lata Mangeshkar) को छोड़कर उनके पिता दुनिया से विदा हो गए. इसके बाद उस्ताद अमान अली खान और अमानत खान से संगीत की शिक्षा लेने वाली लता को रोजी-रोटी चलाने के लिए संघर्ष शुरू करना पड़ा. उन्होंने 1942 में ही एक मराठी फिल्म ‘किती हासिल’ में गाना गाकर अपने करियर की शुरूआत की लेकिन बाद में यह गाना फिल्म से हटा दिया गया. इसके पांच साल बाद भारत आजाद हुआ और लता मंगेशकर ने हिंदी फिल्मों में गायन की शुरूआत की, ‘आपकी सेवा में’ पहली फिल्म थी जिसे उन्होंने अपने गायन से सजाया.
36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाने
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं. लता मानती हैं, “पिता का गायन सुन-सुनकर ही मैंने सीखा था, लेकिन मुझ में कभी इतनी हिम्मत नहीं थी कि उनके साथ गा सकूं.” मास्टर गुलाम हैदर ने लता को फिल्म ‘मजबूर’ के गीत ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ में गायक मुकेश के साथ गाने का मौका दिया था. यह लता का पहला बड़ा ब्रेक था.
इसके बाद उन्हें काम की कभी कमी नहीं हुई. बाद में लता मंगेशकर ने चांदनी, राम लखन, सनम बेवफा, लेकिन, फरिश्ते, पत्थर के फूल, डर, हम आपके हैं कौन, दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे, माचिस, दिल तो पागल है, वीर जारा, कभी खुशी कभी गम, रंग दे बसंती और लगान जैसी फिल्मों में गाने गाए.
क्यों नहीं की शादी
पिता के गुजर जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारियां लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) पर आ गईं थीं. एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने कहा था कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी। सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को सेटल कर दूं. फिर बहन की शादी हो गई. बच्चे हो गए. तो उन्हें संभालने की जिम्मेदारी आ गई. इस तरह से वक्त निकलता चला गया और मैंने शादी नहीं की.