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अहमदाबाद: कोरोना मरीज को 2.5 KM ले जाने के लिए एंबुलेंस का चार्ज 11,000 रुपये

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लगता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आपदा में अवसर’ वाले सुझाव को कुछ लोगों ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लिया है. तभी तो एक कोरोना मरीज से एक प्राइवेट एंबुलेंस (Ambulance) ने महज 2.5 किलोमीटर की यात्रा के लिए 11,000 की मोटी कीमत वसूल ली. यह हैरान करने वाली घटना गुजरात के अहमदाबाद जिले की है.

अहमदाबाद के एक प्राइवेट एंबुलेंस (Ambulance) ने एक कोरोना मरीज के रिश्तेदार से मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए 11,000 रुपये चार्ज किया. मजे की बात यह है कि बाद में एंबुलेंस चालक ने उसकी रसीद देने से इनकार कर दिया.

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भाजपा विधायक वल्लभ काकडिया उसी अस्पताल के ट्रास्टी में से एक हैं जहां से मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया. जब इस घटना के बारे में उन्हें बताया गया तो उन्होंने मरीज से निजी एंबुलेंस (Ambulance) सेवा प्रदाता के खिलाफ मामला दर्ज करने का सुझाव दिया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल बापूनगर के निवासी जनक पंचाल ने अपनी दादी चम्पाबेन को 27 सितंबर को काकड़िया अस्पताल में भर्ती कराया था. अगले दिन वह कोरोना से संक्रमित पाई गईं और अस्पताल ने उन्हें कोरोना वाले अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. काकडिया अस्पताल ने उन्हें बताया कि कोठिया अस्पताल में एक बेड उपलब्ध है.

अस्पताल के अधिकारियों ने एक निजी एंबुलेंस (Ambulance) सर्विस प्रदाता को फोन करके उसे बुलाया और पंचाल से कहा कि उसे इसके लिए भुगतान करना होगा जिसके लिए उन्होंने हामी भर दी.

एंबुलेंस सर्विस से परेशानी

नया अस्पताल सिर्फ 2.5 किमी दूर था, लेकिन एंबुलेंस (Ambulance) चालक ने उनसे 11,000 रुपये लिए. चूंकी पंचाल जल्दबाजी में थे, इसलिए उन्होंने रकम चुका दी.. बाद में उन्होंने जय माताजी एंबुलेंस सर्विस को फोन किया और ड्राइवर से 11,000 रुपये का बिल मांगा. पंचाल ने कहा कि शुरू में ड्राइवर ने टाल मटोल किया और फिर बाद में उसने बिल देने से साफ मना कर दिया.

पंचाल ने मामले की शिकायत करने के लिए भाजपा विधायक वल्लभ काकड़िया को भी कॉल लिया. विधायक ने उन्हें बताया कि जिस अस्पताल के वह ट्रस्टी हैं, वह इस तरह की अतिरिक्त कीमत नहीं वसूलेगा और उन्हें प्राइवेट एंबुलेंस (Ambulance) सर्विस के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए.

बाद में पंचाल ने इस मामले का एक वीडियो जारी किया. उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात से अवगत कराना जरूरी था कि चिकित्सा की आपात स्थिति के दौरान एंबुलेंस (Ambulance) सर्विस लोगों को कैसे लूट रही हैं.

भाजपा विधायक ने क्या कहा

भाजपा विधायक और काकडिया अस्पताल के ट्रस्टी वल्लभ काकडिया ने कहा कि उन्हें वास्तव में मरीज का फोन आया था.

काकडिया ने कहा

“मैंने उसे प्राइवेट एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने की सलाह दी थी. अगर उस समय हमारे अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध होती, तो मरीज को प्राइवेट एंबुलेंस सर्विस का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती.”

उन्होंने आगे कहा कि प्राइवेट एंबुलेंस सर्विस प्रदाताओं को इस तरह से लोगों का शोषण नहीं करना चाहिए.

पंचाल ने कहा कि काकडिया अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि वे मरीज को स्थानांतरित करने के लिए एक निजी एंबुलेंस (Ambulance) को बुलाएंगे, लेकिन उन्हें इसके खर्च का वहन करना होगा.

पंचाल ने बताया,

‘जब हम नए अस्पताल में पहुंचे, तो ड्राइवर ने मुझसे 11,000 रुपये लिए और मैंने उसे दे दिए, क्योंकि मैं अपनी दादी को शिफ्ट करने के बारे में अधिक चिंतित था. बाद में जब मैंने उससे बिल मांगा तो उसने मना कर दिया. इसलिए मैंने लोगों के लिए इस घटना का एक वीडियो बनाया, ताकि लोगों को चल रहे शोषण के बारे में पता चल सके.’

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