- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर सोनिया गांधी ने जारी किया वीडियो संदेश
- लोकसभा और राज्यसभा में पास होने वाले किसान कानून को बताया काला कानून
- किसान कानून से चंद दोस्तों को फायदा पहुंचाने का लगाया आरोप
- कहा- लोकतंत्र में देशवासियों की सहमति के बाद बनता है कानून
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.
वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव-खेत और खलिहान में बसती है.
उन्होंने कहा कि आज देश का किसान कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है.
किसान कानून को बताया काला कानून
सोनिया गांधी ने कहा, ‘आज देश का किसान और खेत मजदूर कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं.
अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है.
कोरोना महामारी के दौरान हम सबने सरकार से मांग की थी कि हर जरूरतमंद देशवासी को मुफ्त में अनाज मिलना चाहिए.
तो क्या हमारे किसान भाइयों के बगैर ये संभव था कि हम करोड़ों लोगों के लिए दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर सकते थे.
किसान कानून से चंद दोस्तों को फायदा पहुंचाने का लगाया आरोप
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि आज पीएम हमारे किसानों के साथ घोर नाइंसाफी कर रहे हैं. किसानों के लिए बनाए जाने वाले कानून को लेकर कोई बात नहीं की गई.
किसान विरोध तीन काले कानून बना दिए गए वह भी सिर्फ चंद दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए संसद में इस कानून को पारित करा लिया गया. जब इसका विरोध किया गया तो उन पर लाठियां बरसाई गई.
खेत-खलिहान और किसान के हितैषी, रखवाले और बुलंद आवाज राष्ट्रपिता पूज्य बापू और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी का संदेश।#GandhiJayanti pic.twitter.com/2wg4FLVYbN
— Congress (@INCIndia) October 2, 2020
इस कानून जमाखोरों को अनाज जमा करने की मिल जाएगी खुली छूट
उन्होंने कहा कि हमारे किसान और खेत मजदूर भाई-बहन आखिर चाहते क्या हैं. सिर्फ इन कानूनों में अपनी मेहनत की उपज का सही दाम चाहते हैं और ये उनका बुनियादी अधिकार है.
आज जब अनाज मंडियां खत्म कर दी जाएंगी. जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी और किसान भाइयों की जमीनें खेती के लिए पूंजीपतियों को सौंप दी जाएंगी, तो करोड़ों छोटे किसानों की रक्षा कौन करेगा.
किसानों के साथ ही खेत-मज़दूरों और बटाईदारों का भविष्य जुड़ा है. अनाज मंडियों में काम करने वाले छोटे दुकानदारों और मंडी मजदूरों का क्या होगा. उनके अधिकारों की रक्षा कौन करेगा. क्या मोदी सरकार ने इस बारे सोचा है.
लोकतंत्र में देशवासियों की सहमति के बाद बनता है कानून
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंति के मौके पर वीडियो संदेश के जरिये मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हर कानून जन सहमति से ही बनाया है.
कानून बनाने से पहले लोगों के हितों को सबसे ऊपर रखा है. लोकतंत्र के मायने भी यही हैं कि देश के हर निर्णय में देशवासियों की सहमति हो लेकिन क्या मोदी सरकार इसे मानती है.
उन्होंने कहा कि आज हमारे कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र में किसान और मजदूर के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं.
मैं दावे के साथ कहना चाहती हूं कि किसान और कांग्रेस का यह आंदोलन सफल होगा और किसान भाइयों की जीत होगी. जय हिंद.
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