उत्तर प्रदेश में निजीकरण के विरोध में बिजली (Electricity) कर्मचारियों ने सोमवार पूरे दिन काम का बहिष्कार किया. इस दौरान फॉल्ट की मरम्मत सहित उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े कामकाज प्रभावित रहे. निजीकरण के विरोध में पॉवर कॉरपोरेशन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. मेरठ जिले के सभी बिजली (Electricity) घरों में कार्य बहिष्कार कर पॉवर कॉरपोरेशन के अधिकारी और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया.
हड़ताल के कारण ऊर्जा मंत्री के आवास सहित कई इलाकों में बिजली संकट रहा. इस बीच ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली (Electricity) सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए. इस वजह से करीब 500 गावों में बिजली की समस्या देखी गई.
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जमकर हुई नारेबाजी
अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर में बिजली (Electricity) कर्मी और अधिकारियों ने जमकर नारेबाजी की गई. बिजली (Electricity) कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर सोमवार को बिजली कर्मियों व अधिकारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर में धरना दिया. हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम की स्थापना करने के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की है.
लाइन हुई ब्रेकडाउन
बिजली (Electricity) कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तैनात किए गए अधिकारी विद्युत आपूर्ति व्यवस्था नहीं संभाल सके. शाम करीब 6:30 बजे अचानक भुपियामऊ से खतनपुर आने वाली 132/33 हाईटेंशन विद्युत लाइन अचानक ब्रेकडाउन हो गई. इससे रानीगंज तहसील क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्र रानीगंज, तौंकलपुर, खाखापुर, गौरा, पांडेय तारा पर आपूर्ति ठप हो गई. इन क्षेत्रों के करीब 500 गांव अंधेरे में डूब गए. बिजली आपूर्ति ठप होने से पूरे इलाके में हाहाकार मच गया है.