- हाथरस पीड़ित परिवार की सुरक्षा बनी जी का जंजाल
- राहत की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा परिवार
- बंदिशों को हटाने की मांग, आज हो सकती है सुनवाई
उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप पीड़िता का घर और पूरा गांव पुलिस छावनी बन गया है. मामला सामने आने के बाद से सुर्खियों में बना रहने वाला हाथरस के उस गांव में अगर किसी को भी पीड़िता से मिलना है तो उसे मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है.
इतना ही नहीं पीड़िता के घर में प्रशासन की ओर से सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया है कि घर में भी निगरानी रखी जा सकें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा पीड़ित
पीड़ित परिवार के हर सदस्य के साथ दो पुलिसकर्मियों को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली यह सुरक्षा अब पीड़िता के परिवार के जी का जंजाल बन चुकी है.
इसलिए बंदिशों को हटाने की मांग को लेकर पीड़िता के परिवार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. परिवार का कहना है कि पुलिस की पहरेदारी से वह अपने घर में कैद होकर रह गए हैं.
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सुरक्षा बना पीड़ित परिवार के जी का जंजाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुरक्षा को खत्म करने की मांग वाली याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार की ओर दाखिल की गई है.
याचिकाकर्ता सुरेंद्र कुमार ने दावा किया कि पीड़ित परिवार ने फोन कर यह याचिका दाखिल करने की मांग की थी. याचिका में दावा किया गया कि पुलिस की ओर से बंदिशों के चलते वह किसी से मिल नहीं पा रहे हैं.
ना ही वह किसी के सामने खुलकर बात कर पा रहे हैं. इसीलिए याचिका दाखिल कर मामले में कोर्ट से दखल देने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने फौरन इस मामले पर सुनवाई की मांग की है. माना जा रहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट आज इस मामले पर सुनवाई कर सकती है.
पीड़ित परिवार याचिका में पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की टीम उन्हें घर से बाहर भी नहीं निकलने दी.
याचिका में कहा गया कि इंसाफ पाने के लिए बंदिशों को हटाना जरूरी है.
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