जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को रिहा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को रिहा किया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही वो नजरबंद थीं. अब उन्हें रिहा किया गया है. उनकी 14 महीने बाद रिहाई हुई है. महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को पिछले साल अगस्त में उस समय नजरबंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने के साथ ही उसका विशेष दर्जा छीन लिया था. कुछ समय पहले उन्होंने रिहाई के लिए महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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बेटी ने दायर की थी याचिका
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी. महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया था. इसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था. पूछा कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितनी हिरासत हो सकती है? महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा?
आजम खान को मिली जमानत
उधर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर से सांसद आजम खान की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत मंजूर कर ली. आजम खान के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खान को भी जमानत मिली है.
कोर्ट ने डॉ. तंजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है, जबकि आजम खां को इस केस के शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है.
आजम खान और तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं. एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है. दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है. आजम खान पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है. हाईकोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है.
हालांकि जमानत के बाद भी आजम खान अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. कोर्ट ने बीती 17 सितंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला अपने पास रखा था. आजम पर मजकूरा मामलों के अलावा भी कई केस दर्ज हैं. जब तक उन्हें सभी मामलों में जमानत नहीं मिल जाती, वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.