- छात्रा के साथ रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को बड़ी राहत
- लगाए गए आरोपों से छात्रा कोर्ट में मुकरी
- अभियोजन पक्ष पीड़िता के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
- मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा कोर्ट में अपने बयान से मुकर गई है. छात्रा द्वारा पहले लगाए गए आरोप और अब इन आरोपों से मुकरने की वजह से चिन्मयानंद को बड़ी राहत मिली है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद इस मामले को लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
मंगलवार को 23 वर्षीय छात्रा लखनऊ विशेष अदालत में जज के सामने अपने पहले लगाए गए सभी आरोपों से मुकर गई.
कोर्ट में बयान से मुकरी रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में यूपी के शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के ट्रस्ट की तरफ से चलाए जाने वाले कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.
इसके बाद सितंबर में चिन्मयानंद की गिरफ्तारी हुई थी. शाहजहांपुर के इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद चिन्मयानंद करीब पांच माह जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.
अभियोजन पक्ष पीड़िता के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
आरोपों से मुकरने के चलते अभियोजन अचंभित हो गया. जिसके बाद अभियोजन पक्ष ने छात्रा के खिलाफ पक्षद्रोही या बयान बदलने पर सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमे की एक अर्जी दाखिल की है.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन पक्ष की इस अर्जी को स्वीकार करते हुए पीड़िता और उसके वकील को इस अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को बड़ा झटका दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि आरोपी पक्ष को रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी नहीं मिलेगी.
शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के बयानों की कॉपी आरोपी चिन्मयानंद को देने का आदेश बुधवार को रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर, 2019 के आदेश के खिलाफ फैसला सुनाया था.
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