आकीब छीपा, अहमदाबाद: पिछले साल दिसंबर में अहमदाबाद के शाह आलम इलाके में सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन कर रही भीड़ द्वारा पुलिस पर पथराव करने के मामले में एक आरोपी को सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है. आरोपी ने कोर्ट में 9 महीने पुराने हिंसा (CAA-NRC) की घटना के बाद अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी जिसे स्वीकार कर ली गई है.
अहमदाबाद के सेशन कोर्ट ने घटना के 9 महीने बाद शफीक छीपा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने जो हलफनामा दिया है, उसमें आरोपी और घटना के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त को मौखिक रूप से उस अपराध में शामिल होने का आरोपी बनाया गया है जो साबित नहीं हुआ है.
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शर्तों के साथ मिली जमानत
कोर्ट ने आरोपी को 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. आरोपियों को कोर्ट की अनुमति के बिना गुजरात नहीं छोड़ने और चार्जशीट दाखिल होने तक हर महीने की 1 तारीख को इसानपुर पुलिस स्टेशन के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है.
छीपा के वकील ने दलील दी थी कि उन्हें इस मामले (CAA-NRC) में झूठा फंसाया गया है और मामले के कई अन्य आरोपियों को अग्रिम जमानत दी गई है. उन्होंने आगे तर्क दिया कि आरोपी अहमदाबाद का मूल निवासी है और वह शहर छोड़कर नहीं भागेगा. हालांकि सरकारी वकील ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी को अग्रिम जमानत देना गलत उदाहरण पेश करेगा.
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में शाह आलम क्षेत्र में सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान पुलिस पर पथराव हुआ था. बाद में पुलिस ने पथराव में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में कई आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी गई थी.