पिछले दिनों बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के प्रस्तावक बने 10 विधायकों में भी पांच ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था.
इस मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है.
विधायकों ने मायावती पर लगाया गंभीर आरोप
पार्टी के निलंबित विधायकों ने अब अपनी ही पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर गंभीर आरोप लगाया है. निलंबित विधायकों ने कहा कि मायावती भाजपा से मिल गई है.
इसका हम लोगों ने जब विरोध किया तो हमे पार्टी से बाहर निकाल दिया गया. निलंबित विधायक असलम ने दावा किया कि मायावती के इस फैसले का जब मैने विरोध किया तो मुझे पार्टी से निकाल दिया गया.
लेकिन मैं बसपा का विधायक बना रहूंगा.
विधयकों ने कहा कि विरोध करने की वजह से किया गया निलंबित
वहीं हंडिया प्रयागराज के विधायक हाकिम लाल बिंद ने अखिलेश यादव से मुलाकात की बात से इनकार कर दिया उन्होंने भी मायावती पर आरोप लगाया कि वह भाजपा से मिल गई हैं.
वहीं मुंगरा-बादशाहपुर की विधायक सुषमा पटेल ने कहा कि हां मैं सपा नेता से मिलने गई थी. लेकिन राजनीति में किसी नेता को किसी नेता से मिलने पर रोक नहीं है.
बावजूद इसके अगर कार्रवाई की जाती है तो उसका स्वागत है.
इस मामले को लेकर आज मायावती ने गठबंधन के अपने ही पूर्व सहयोगी अखिलेश यादव पर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में होने वाले एमएलसी चुनाव में बसपा सपा के भाषा में जवाब देगी उनके उम्मीदवारों को हराने के लिए भाजपा या फिर अन्य उम्मीदवारों को वोट देना पड़े तो देगी.
इतना ही नहीं मायावती ने इस मौके पर गठबंधन में शामिल होने को बड़ी भूल बताते हुए कहा कि इनका एक और दलित विरोधी चेहरा कल राज्यसभा के पर्चों के जांच के दौरान देखने को मिला.
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