Gujarat Exclusive > राजनीति > कमलनाथ का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा, पूर्व सीएम ने कहा- मुझे कोई नहीं रोक सकता

कमलनाथ का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा, पूर्व सीएम ने कहा- मुझे कोई नहीं रोक सकता

0
508

मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamal Nath) पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने कार्रवाई करते हुए उनका नाम स्टार प्रचारकों से हटा दिया है. आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन पर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है.

चुनाव आयोग ने कहा कि यदि कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा अब से कोई भी कैंपेन किया जाता है, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है. मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होना है. उधर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कमलनाथ ने प्रतिक्रिया दी है. कमलनाथ ने कहा है कि मैं प्रचार करने जाऊंगा. मुझे कोई नहीं रोक सकता.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की सहूलियत के लिए अहमदाबाद में रिवरफ्रंट के पास स्पीड ब्रेकर को हटाया गया

कमलनाथ ने ट्वीट किया कि ये मेरी आवाज को दबाने का प्रयास है. अब जनता फैसला करेगी. कांग्रेस की आवाज को कुचलने का प्रयास है. सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं. जनता सच्चाई का साथ देगी.

 

क्यों हुई कार्रवाई

मालूम हो कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamal Nath) ने इमरती देवी के खिलाफ ‘आइटम’ का शब्द प्रयोग किया था. इस मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल से बचें. आयोग ने मध्य प्रदेश के सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ (Kamal Nath) को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना. चुनाव आयोग की बार-बार दी गई चेतावनी के बावजूद न चेतने पर कमलनाथ के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए आदर्श आचार संहिता के अनुच्छेद एक और दो के तहत कार्रवाई की गई है.

विजयवर्गीय को फटकार

उधर चुनाव आयोग ने बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी फटकार लगाई है. चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा की गई ‘‘चुन्नू-मुन्नू’’ टिप्पणी, चुनाव संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है. साथ ही, आयोग ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता को आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक तौर पर ‘‘इस तरह के शब्दों’’ का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी. आयोग ने 26 अक्टूबर को बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को एक नोटिस जारी किया था और जवाब देने को कहा था.

गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें