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सरदार साहब नहीं होते तो जूनागढ़-हैदराबाद देश के नक्शा में नहीं होता: सीएम रूपाणी

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अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा है कि देश में प्रांत, जाति, धर्म, भाषा और जाति का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी को एक राष्ट्र-श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का संकल्प करना चाहिए.

गांधीनगर में अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मुख्यमंत्री ने सरदार प्रतिमा के सामने पुष्पांजलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी.

गांधीनगर जिला प्रशासन द्वारा सेंट्रल विस्टा में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया.

अगर सरदार वल्लभभाई पटेल नहीं होते तो आज भारत का नक्शा अलग होता

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस अवसर पर देश के लिए सरदार साहब के योगदान को याद किया और लोगों में एकता की भावना फैलाने और एक बेहतर भारत के निर्माण की ओर बढ़ने का आह्वान किया.

विजय रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखंड भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है. वह परंपरा आज भी जारी है.

सरदार साहब की वजह से भारत के साथ है हैदराबाद और जूनागढ़

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल नहीं होते तो आज जूनागढ़ और हैदराबाद भारत के नक्शे में नहीं होता और इसकी वजह से आज देश का नक्शा अलग होता.

विजय रूपानी ने कहा कि कश्मीर की जिम्मेदारी सरदार वल्लभभाई पटेल को नहीं सौंपी गई थी. इसीलिए कश्मीर आज भी एक मुद्दा बना हुआ था.

लेकिन गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमिता भाई शाह ने जम्मू से धारा 370 हटाकर सरदार साहब के सपने को साकार किया.

इस वजह से घाटी में पनपने वाले आतंकवादियों का सफाया हो गया.

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