बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद पहली बार गुरुवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सामने आए. दरअसल गुरुवार को पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हार की समीक्षा करने के लिए महागठबंधन के नेताओं का जमावड़ा लगा. महागठबंधन की बैठक में राजद नेता तेजस्वी (Tejashwi Yadav) यादव ने सभी नेताओं को संबोधित भी किया. महागठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेता चुना गया.
बैठक के बाद तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
‘जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है और चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में गया है. 2015 में भी हमारे पक्ष में फैसला आया था, लेकिन बीजेपी चोर दरवाजे से सरकार में आ गई थी. हमने चुनाव में गरीबी, मजदूर, शिक्षा, विकास का मसला उठाया.’
नीतीश पर लगाए आरोप
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आरोप लगाया कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की.
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तेजस्वी यादव ने कहा,
‘नीतीश कुमार की जेडी (यू) तीसरे स्थान पर रही. यदि उनकी नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अपना लोभ छोड़ देना चाहिए.’
दोबारा काउंटिंग की मांग
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि चुनाव आयोग से हम उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की दोबारा गिनती किए जाने की मांग करते हैं, जहां इनकी गिनती शुरू में नहीं अंत में की गई. उन्होंने कहा, ”हम 20 सीटों पर मामूली अंतर से हारे. कई विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 900 डाक मतपत्रों को रद्द कर किया गया. यह चौंकाने वाली बात है कि NDA को महागठबंधन से केवल 12,270 वोट अधिक मिले और फिर भी वह 15 और सीटें जीतने में सफल रहा.”
मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल किया है. महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आई हैं. हालांकि आरजेडी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.