वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली बीएसएफ के पूर्व जवान की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका (PM Modi) बीएसएफ के पूर्व कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव की तरफ से दायर की गई थी. इस तरह से पीएम मोदी (PM Modi) के निर्वाचन के खिलाफ तेज बहादुर द्वारा दाखिल अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
मालूम हो कि तेज बहादुर वाराणसी सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया था.
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17 नवंबर को सुरक्षित रखा था फैसला
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने यह फैसला दिया. इससे पहले, 17 नवंबर को अदालत ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
तब पीठ ने कहा था कि प्रधानमंत्री (PM Modi) कार्यालय अनूठा कार्यालय है और इसके खिलाफ याचिका को अनिश्चितकाल के लिए लंबित नहीं रखा जा सकता. अदालत ने टिप्पणी की थी कि तेज बहादुर का नामांकन उचित तरीके से खारिज किया गया था या अनुचित तरीके से, यह उनकी पात्रता पर निर्भर करता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा था
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिका (PM Modi) खारिज करते हुए था कि वो न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ उम्मीदवार थे. इसलिए उनकी तरफ से याचिका दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं है. हाईकोर्ट के इस फैसले को तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली है.
खाने की गुणवत्ता को लेकर उठाए थे सवाल
ड्यूटी पर रहते हुए तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था और सेना में खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे. तेज बहादुर के इस एक्शन को नियमों का उल्लंघन माना गया था और 2017 में उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया. तब से वो बीजेपी के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाते रहे हैं.