शिक्षा और शिक्षक की कद्र हर जगह होती है. कुछ इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के एक शिक्षक को सात करोड़ की इनामी राशि मिली है. महाराष्ट्र के शिक्षक रंजीत सिंह दिसले ने ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 (Global Teacher Prize 2020) जीता है. भारत के एक प्राथमिक स्कूल शिक्षक को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एवं देश में त्वरित कार्रवाई (क्यूआर) कोड वाली पाठ्यपुस्तक क्रांति में महती प्रयास के लिए के उन्हें यह सम्मान (Global Teacher Prize 2020) दिया गया है.
रंजीत को 10 लाख डॉलर (7,38,50,150 रुपये) के वार्षिक ग्लोबल टीचर प्राइज, 2020 (Global Teacher Prize 2020) का विजेता घोषित किया गया है. रंजीत सिंह की इस उपलब्धि पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बधाई दी है.
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10 प्रतिभागियों में मारी बाजी
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पारितेवादी गांव के 32 साल के रंजीत सिंह दिसाले अंतिम दौर में पहुंचे 10 प्रतिभागियों में विजेता बनकर उभरे हैं. वारके फाउंडेशन ने असाधारण शिक्षक को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत करने उद्देश्य से 2014 में यह पुरस्कार शुरू किया. प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाले रंजीत की आयु 32 साल की है. खबरों के मुताबिक, साल 2009 में जब रंजीत सोलापुर के परितवादी के दिला परिषद प्राथमिक स्कूल पहुंचे थे ते वहां की स्थिति को देखने के बाद उन्होंने बदलाव करने का जिम्मा उठाया.
रंजीत ने दिखाई दरियादिली
सात करोड़ से ज्यादा की इनामी राशि जीतने (Global Teacher Prize 2020) के बाद दरियादिली दिखाई. रंजीत ने घोषणा की कि वह अपनी पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों को उनके अतुल्य कार्य में सहयोग के लिए देंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षक असल में बदलाव लाने वाले लोग होते है जो चॉक और चुनौतियों को मिलाकर अपने विद्यार्थियों के जीवन को बदल रहे हैं. वे हमेशा देने और साझा करने में विश्वास करते हैं.