कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनरत किसान (Farmers Protest) और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. माना जा रहा था कि आज इस बातचीत का हल निकलेगा लेकिन किसान तीनों कृषि कानूनों के वापस लिए जाने की मांग पर अड़े रहे. वहीं सरकार संशोधन के लिए उनको मनाने में जुटी रही. अंत में कोई भी नतीजा नहीं निकला.
बैठक में सरकार ने किसानों से और वक्त मांगा. अब 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे फिर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी.
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करीब पांच घंटे चली इस बैठक में किसानों (Farmers Protest) ने सरकार से कहा कि वो स्पष्ट तौर पर कहे कि वो इन कानूनों को वापस लेगी या नहीं. अगली बैठक की तारीख सरकार ने 9 दिसंबर रखी है, लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार अपना लिखित फैसला भेजे, फिर बैठक में शामिल होने पर फैसला लेंगे.
आपसी चर्चा के बाद आगे की रणनीति
बैठक के बाद किसान नेताओं (Farmers Protest) ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे. हम (किसान) आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी. वहीं, किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे. इससे कम पर हम मानने वाले नहीं हैं.
हां या ना में जवाब चाहते थे किसान
करीब दो बजे शुरू हुई बैठक में किसान (Farmers Protest) सरकार से हां या ना में जवाब चाह रहे हैं और इसको लेकर उन्होंने अपने साथ कार्ड बोर्ड भी रखा था जिसपर, येस और नो लिखा हुआ था. आज दिल्ली के विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता शांत बैठ गए थे जबकि मंत्री आपस में बात करने के लिए बाहर चले गए थे.
दलजीत पहुंचे सिंधु बॉर्डर
उधर अभिनेता और सिंगर दिलजीत दोसांझ हरियाण-दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा “केंद्र से हमारी सिर्फ एक गुज़ारिश है. कृपया किसानों की मांगें पूरी करें. हर शख्स यहां शांति से बैठा है और सारा देश किसानों के साथ है.” दिलजीत दोसांझ ने दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों को सर्दी से बचाने के लिए एक करोड़ रुपए दान दिए हैं. इन पैसों से किसानों को गर्म कपड़ों मुहैया करवाए जाएंगे.