कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) 20वें दिन में दस्तक दे चुका है. बातचीत की तमाम कोशिशें हो रही हैं लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) को संदेश देते हुए आंदोलन खत्म करनी की अपील की है.
जावड़ेकर ने कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सिर्फ संवाद से ही मसलों का समाधान हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार नए कृषि कानूनों से जुड़े किसानों (Farmers Protest) के हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है. लेकिन पूरे कानून को खत्म कर देना विकल्प नहीं हो सकता है.
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राकेश टिकैत का केंद्र पर हमला
उधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला किया है. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी आज से किसानों के बीच पंचायत कर रही है ताकि उन्हें किसानों से जुड़े कानूनों (Farmers Protest) को समझाए जा सके. सरकार की इस कोशिश पर टिकैत ने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह गांव की तरफ भागता है, केंद्र सरकार कुछ ऐसा ही कर रही है.
संघर्ष लास्ट लाइन ऑफ डिफेंसः सिद्धू
वहीं पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि भारत के फूड सिस्टम पर कॉरपोरेट टेकओवर के खिलाफ किसानों (Farmers Protest) का संघर्ष लास्ट लाइन ऑफ डिफेंस है. सिद्धू ने कहा है जिन किसानों ने देश को कई पीढ़ियों तक भोजन दिया है सरकार उन किसानों के खिलाफ आधारहीन तर्क दे रही है कि उन्हें भरमाया गया है और बरगलाया गया है.
Farmers protests are our last line of defence against Corporate takeover of India’s Food Systems… Govt giving baseless arguments that Farmers who gave India Food Security over generations of hard labour are misguided about there own occupation. Justifying a fault doubles it up! pic.twitter.com/VUfKclhlDC
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 15, 2020