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कुछ टेलीकॉम उपकरण वेंडरों को ब्लैकलिस्ट कर सकती है मोदी सरकार

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लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार ने पहले चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाने की कार्रवाई की थी और अब वह टेलीकॉम (Telecom) उपकरण उपलब्ध कराने वाले कुछ वेंडरों पर भी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह टेलीकॉम (Telecom) उपकरण उपलब्ध कराने वाले कुछ वेंडरों को ब्लैकलिस्ट कर सकती है और कंपनियों को इंडिया ट्रस्टेड सोर्सके रूप में नामित कर सकती है.

टेलीकॉम (Telecom) सेक्टर में जल्दी ही कंपनियों की एक सूची तैयार हो सकती है जहां से कोई फर्म उत्पाद व सेवाएं खरीद सकती हैं. उसके बाद संदिग्ध वेंडरों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है, “सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने विश्वसनीय स्रोत द्वारा टेलीकॉम (Telecom) क्षेत्र की सुरक्षा सुदृढ़ करने का फैसला किया था. इसलिए यहां एक विश्वसनीय स्रोत है और एक विश्वसनीय स्रोत नहीं है.”

उन्होंने आगे कहा, “टेलीकॉम (Telecom) उपकरण वाले कुछ वेंडरों को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और कुछ कंपनियों को इंडिया ट्रस्टेड सोर्सके रूप में नामित किया जा सकता है.”

43 ऐप्स पर लगा था बैन

मालूम हो कि चीनी ऐप्स बैन किए जाने के बाद पिछले महीने में भारत सरकार ने 43 और ऐप्स को सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक मानते हुए बैन कर दिया था. सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, “भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए पूर्वाग्रही गतिविधियों में संलग्न होने के लिए सरकार द्वारा 43 मोबाइल ऐप अवरुद्ध किए गए हैं.” हालांकि इसी पर चीन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का विरोध किया था. चीन में भारत द्वारा उठाए गए कदम को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन करार दिया था और ऐप्स को फिर से बहाल करने की मांग की थी.

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