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किसान आंदोलन: सिंधु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, मौत

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किसान आंदोलन में शामिल किसानों को अब सरकार से कोई मदद मिलती नहीं दिख रही जिसके कारण वे हताश हो रहे हैं. इसी हताशा में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) ने बुधवार को खुद को गोली मार ली. गोली लगने से उनकी (Baba Ram Singh) मौत हो गई है.

संत बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) को घायल अवस्था में एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) करनाल के रहने वाले थे. इससे पहले, कुंडली बॉर्डर पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में मंगलवार को एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.

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मिला सुसाइड नोट

उनका एक सुइसाइड नोट भी सामने आया है, जिसमें बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है. संत बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे. बाबा राम सिंह के सेवादार गुरमीत सिंह ने भी घटना की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) के हरियाणा और पंजाब में ही नहीं, दुनियाभर में लाखों की संख्या में अनुयायी हैं.

जारी है आंदोलन

बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 21 तीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को इस बारे में बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब के किसान संगठनों सहित देश के कई किसान संगठनों से उनकी बातचीत चल रही है और जल्दी ही इसका समाधान निकल आएगा.

उधर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के साथ धरने पर बैठे हैं. वो सैकड़ों समर्थकों के साथ किसानों के बीच पहुंचे. बता दें किसानों ने 14 दिसंबर के बाद से राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर को सील किया हुआ है.

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