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हरियाणा CM को काला झंडा दिखाना पड़ा महंगा, 13 किसानों पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज

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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों पर घमासान जारी है. किसान बीते 29 दिनों से राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं. सरकार और किसानों के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है.

बावजूद इसके कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हुए हैं. Haryana CM protest farmer

इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का काफिले रोकने की कोशिश करने वाले 13 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. Haryana CM protest farmer

13 किसानों पर कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज Haryana CM protest farmer

मिल रही जानकारी के अनुसार अंबाला में मंगलवार को किसानों के एक समूह ने सीए खट्टर के काफिले को रोक लिया था. इतना ही नहीं किसानों ने कथित रूप से उनकी गाड़ियों पर लाठियां भी फेंकी थीं,

जिसके बाद 13 किसानों पर गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. किसानों के खिलाफ हत्या की कोशिश और दंगा फैलाने सहित कई गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है.

अंबाला में किसानों ने सीएम खट्टर के काफिले को रोक दिया था  Haryana CM protest farmer

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में स्थानिक निकाय चुनावों की वजह से खट्टर बीते मंगलवार को बीजेपी और जेजेपी की संयुक्त मेयर प्रत्याशी और पार्षदों के चुनाव प्रचार करने के लिए अंबाला पहुंचे थे.

इस दौरान कृषि कानूनों के विरोध कर रहे किसानों के एक समूह से मुख्यमंत्री का आमना-सामना हो गया किसानों ने मुख्यमंत्री और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया और हंगामा खड़ा कर दिया.

मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने भारी जद्दोजहद के बाद हालात को काबू में किया था. Haryana CM protest farmer

किसानों ने ठुकराया सरकार से बातचीत का प्रस्ताव Haryana CM protest farmer

किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत के मुद्दे पर आपस में बुधवार को चर्चा की. आपसी बैठक के बाद बातचीत के लिए सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है.

40 किसान संगठनों की बैठक के बाद योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं.

न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो प्रस्ताव सरकार से आया है उसमें कुछ भी साफ नहीं है और स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजें और खुले मन से बातचीत के लिए बुलाए.

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