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किसान आंदोलन पर अमेरिकी सांसदों ने जताई चिंता, विदेश मंत्री को लिखा पत्र

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. विरोध प्रदर्शन से लगातार देश के कई संगठन जुड़ते जा रहे हैं. इसी बीच अब अमेरिका (US Lawmakers) में भी किसान प्रदर्शन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. अमेरिका के 7 सांसदों (US Lawmakers) ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिख किसानों के आंदोलन को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.

सांसदों (US Lawmakers) ने पोम्पियो से इस मामले को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के सामने उठाने को कहा है. पत्र लिखने वाले सांसदों नें भारतीय-अमेरिकी मूल की सांसद प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं. पोम्पियो को लिखे गए पत्र पर जयपाल, सांसद डोनाल्ड नोरक्रॉस, ब्रेनडान एफ बॉयल, ब्रायन फिट्जपैट्रिक, मेरी गे स्कानलोन, डेबी डिंगेल और डेविड ट्रोन के हस्ताक्षर हैं.

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इन 7 सांसदों (US Lawmakers) ने पोम्पियो को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वो भारत सरकार द्वारा कानून के दायरे में बनाए जाने वाले किसी भी कानून का सम्मान करते हैं मगर भारत में चल रहा किसानों का आंदोलन अमेरिका में रह रहे सिखों और दूसरे समुदाय के भारतीय मूल के लोगों के लिए बड़ चिंता का विषय है.

पत्र में इन सांसदों (US Lawmakers) ने लिखा कि वो अंतराष्ट्रीय प्रेस में आ रही खबरों को देख कर ये चिट्ठी लिखने को मजबूर हुए कि किसानों पर बर्बरता के साथ टियर गैस और वाटर कैनन चलाए गए. राजधानी दिल्ली आने से रोकने के लिए कटीले तार, बैरिकेड और सुरक्षा बलों का सहारा लिया गया. सांसदो ने लिखा है कि अमेरिका में रह रहे उन सभी सिखों और बाकी लोगों के लिए ये चिंता का विषय है जिनके परिवारजन पंजाब में रहते हैं या उनकी ज़मीनें पंजाब में हैं.

भारत जता चुका है एतराज

इससे पहले भारत ने विदेशी नेताओं और राजनेताओं की टिप्पणी को लेकर दो टूक कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है और प्रोटेस्ट को लेकर उनके बयान गैर-जरूरी और तथ्यों पर आधारित नहीं है. इसी महीने, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, “हमने भारत में किसानों के प्रदर्शन को लेकर अधूरी जानकारियों पर आधारित बयान देखे हैं. ऐसे बयान गैर-जरूरी हैं, खासकर जब ये भारत का आंतरिक मामला है.”

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