सरकार और किसान संगठनों (Farmers Protest) के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक शुरू हो चुकी है. कृषि कानून के मसले पर विज्ञान भवन में हो रही इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए 40 किसान संगठन (Farmers Protest) पहुंचे हैं जबकि सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल बैठक में शामिल हैं. मालूम हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान देश भर में आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं.
उधर पंजाब के फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा है कि उन्हें इस बैठक से कोई खास उम्मीद नहीं है. बैठक के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, ”आज दो बजे बैठक होगी. इस बैठक से हमें तो ज़्यादा उम्मीद नहीं है लेकिन इस साल इस कानून (Farmers Protest) पर फैसला हो जाए तो ये हमारे और सरकार के लिए अच्छा होगा. जब कानून रद्द होगा हम तभी यहां से जाएंगे वरना नए साल पर भी यही रहेंगे.”
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वहीं किसान यूनियन (दाओबा) के मंजीत सिंह ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि आंदोलन (Farmers Protest) खत्म हो, तो उन्हें तीनों कानून वापस लेने चाहिए. पीएम कहते हैं कि सरकार किसानों के साथ है, तो उन्हें हमारी मांग माननी चाहिए. किसान संगठनों का कहना है कि उन्हें कोई संशोधन नहीं चाहिए बल्कि कानून वापस होने चाहिए.
अखिलेश का केंद्र पर हमला
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला किया है. अखिलेश ने ट्वीट किया, ”भाजपा सरकार चंद अमीर मित्रों के फ़ायदे के लिए पूरे देश के किसान को न ठगे और आज की वार्ता में कृषि क़ानून वापस ले. सच तो ये है कि भाजपा का ज़मीनी कार्यकर्ता भी यही चाहता है क्योंकि वो आम जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है. भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था.”