पाकिस्तान में हिंदुओं और हिंदू मंदिरों (Hindu Temple) के साथ वहां की आवाम का व्यवहार दुनिया से छुपा नहीं है. पिछले महीने सिंध प्रांत में एक मंदिर में कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की थी. इसी बीच पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर (Hindu Temple) में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट के करक जिले में बुधवार को हुई. उधर इस मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.
जिला पुलिस अधिकारी इरफान मरवत बताया कि मंदिर के विस्तार कार्य का विरोध करते हुए भीड़ ने पुराने ढांचे (Hindu Temple) के साथ-साथ नए निर्माण को ध्वस्त कर दिया. इस पूरे मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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मंदिर के विस्तार का विरोध
मरवत के मुताबिक, मंदिर (Hindu Temple) को विस्तार देने का काम किया जा रहा था, जिसका विरोध हो रहा था. भीड़ ने पुराने ढांचे के नजदीक बनाए गए नए निर्माण को गिरा दिया. अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है.
उधर खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर (Hindu Temple) पर हमले को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया. उन्होंने मामले पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है और घटना में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. वहीं हिंदू समुदाय के नेता पेशावर हारून सरबयाल ने कहा कि एक हिंदू धार्मिक नेता की समाधि मंदिर स्थल पर मौजूद है और देशभर के हिंदू परिवार हर गुरुवार को समाधि के दर्शन करते हैं.
मंदिरों को बनाया जाता है निशाना
पाकिस्तान में अक्सर मंदिरों को निशाना बनाया जाता है. पिछले महीने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उग्र भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी और 300 हिंदू परिवारों पर हमले का प्रयास किया था. हालांकि, दशकों से पड़ोस में साथ रह रहे स्थानीय मुस्लिमों ने भीड़ को इलाके में घुसने नहीं दिया था. यह घटना शीतल दास परिसर में हुई, जहां करीब 300 हिंदू परिवार और 30 मुस्लिम परिवार रहते हैं.