बंगाल में आगामी चुनावों की चहल-पहल के बीच ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल (TMC) कांग्रेस आज अपना 23वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया और बधाई दी.
बता दें कि टीएमसी (TMC) की स्थापना एक जनवरी 1998 को तत्कालीन सत्तारूढ़ वाम मोर्चे को सत्ता से बाहर करने के लिए हुई थी.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस आज 23 साल की हो गई है. यह सफर 1 जनवरी 1998 को शुरू हुआ था. सफर काफी संघर्ष भरा रहा है, लेकिन हम लोगों के लिए उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने संघर्ष पर अटल हैं. टीएमसी के स्थापना दिवस पर मैं मां-मानुष-माटी और अपने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करती हूं, जो हर दिन बंगाल को बेहतर बनाने के लिए हमारा साथ देते हैं. आने वाले समय में तृणमूल परिवार अपने संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा.”
पश्चिम बंगाल के लिए 2020 राजनीतिक अशांति, महामारी और प्राकृतिक आपदा का साल रहा. राज्य में हालांकि, कोविड-19 और भीषण चक्रवात के मुकाबले राजनीतिक हलचल, तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की खबरें अधिक सुर्खियों में रहीं.
मुश्किल दौर में पार्टी
पहली बार 2011 में सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस (TMC) को इस साल बगावत का सामना करना पड़ा और सुवेंदु अधिकारी जैसे दिग्गज नेता सहित इसके कई विधायक और सांसद भाजपा में शामिल हो गए. इस पर तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अब ‘पार्टी द्रोहियों’ से मुक्त हो गई है. तृणमूल कांग्रेस से पराजय का दंश झेल चुके वाम दल और कांग्रेस भी सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ एकजुट खड़े नजर आए.
भाजपा ने कसा तंज
उधर गुरुवार को कांग्रेस और सीपीएम ने अचानक विश्वास मत की मांग कर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगरमी बढ़ा दी है. तृणमूल कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में जानेवाले विधायकों पर दोनों पार्टियों ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि इससे पश्चिम बंगाल की सियासत में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. कांग्रेस के अब्दुल मन्नान और सीपीएम के वरिष्ठ नेता सूजन चक्रवर्ती ने अपुष्ट खबरों के हवाले से कई टीएमसी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने का संकेत दिया.