गांधीनगर: ओखा और बेट-द्वारका के बीच 962.83 करोड़ रुपये की लागत से भारत के सबसे लंबे केबल-स्टेड सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में 198 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज हुई है.Signature bridge cost increase
यह वृद्धि बीते 3 वर्षों में दर्ज की गई है. 2017 के काम पूरा होने के टेंडर सर्टिफिकेट के अनुसार, पुल के निर्माण की लागत 764 करोड़ रुपये तय की गई थी, जो अब बढ़कर 962 करोड़ रुपये हो गई है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने, ठेकेदार तय होने के 3 सालों के बाद लागत 25% कैसे बढ़ गई? अब इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार कौन वहन करेगा?
टेंडर-कांट्रेक्टर तय होने के बाद 25 फीसदी की बढ़ोतरी कैसे? Signature bridge cost increase
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और गुजरात की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट द्वारका से बेट द्वारका के बीच केबल स्टेड ब्रिज के निर्माण के लिए 2017 में एक टेंडर जारी किया गया था.
उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार 764.17 करोड़ रुपये की लागत का अनुमानित टेंडर जारी किया गया था और 764 करोड़ रुपये का टेंडर कोन्ट्रक्ट तय किया गया था.
इसके अलावा 2.61 करोड़ का कंसलटिंग फीस टेंडर कंसल्टेंट को दिया गया था. Signature bridge cost increase
टेंडर कंसल्टेंट के काम पूरा होने के सर्टिफिकेट के अनुसार परियोजना को 764 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाना था और ब्रिज का निर्माण कार्य चार साल में पूरा किया जाना था.
ब्रिज का निर्माण कार्य 4 सालों में होगा पूरा
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी हाल ही में 962.83 करोड़ रुपये की लागत से ओखा और बेट-द्वारका के बीच भारत के सबसे लंबे केबल-स्टेड सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए होवरक्राफ्ट से पहुंचे थे. Signature bridge cost increase
इस ब्रिज का निर्माण ओखा और बेट-द्वारका के बीच परिवहन के लिए किया जा रहा है. ब्रिज के निर्माण से द्वारका-बेट द्वारका श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी.
इस पुल के मुख्य भाग की लंबाई 500.00 मीटर है. इसीलिए इसे भारत का सबसे लंबा ब्रिज कहा जाता है.
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