कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों के संग आज सरकार 9वें दौर का वार्ता करने वाली है. जहां किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. Rahul Gandhi attack Modi government
वहीं सरकार इसमें संशोधन करने की तैयारी दिखा रही है. मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर किसानों के आंदोलन का आज 44 वां दिन है.
मोदी सरकार को जहां एक तरफ कानून लागू करने के बाद किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.
मोदी सरकार पर राहुल ने लगाया आरोप Rahul Gandhi attack Modi government
किसानों के साथ होने वाली बातचीत से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है. Rahul Gandhi attack Modi government
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा “मोदी सरकार ने अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है. आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं.
अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी माँगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है.”
मोदी सरकार ने अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है।
आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं। अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी माँगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है।#किसान_के_लिए_बोले_भारत pic.twitter.com/3FYFTiNR1N
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2021
वीडियो शेयर कर किसानों की व्यथा को दिखाया
राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें आंदोलनरत किसान पीएम मोदी पर हमला बोल रहे हैं. Rahul Gandhi attack Modi government
किसान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि पीएम मोदी किसानों की भावनाओं को समझ ही नहीं पा रहे.
अगर वह रात में हमारे साथ एक साथ यहां बैठकर दिखाए और खेत में खेती कर दिखाए तब उनको एहसास होगा कि किसान किन-किन परेशानियों से दो-चार हो रहे हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कृषि कानून लागू होने के बाद से ही मोदी सरकार पर हमलावर हैं. Rahul Gandhi attack Modi government
राहुल गांधी ने नए कृषि कानून को काला कानून बताकर उससे उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगा चुके हैं. बीते दिनों उन्होंने किसानों के समर्थन में ट्वीट कर लिखा था.
“शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है. हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है.
आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों.”
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