अहमदबाद: कालूपुर रेलवे स्टेशन परिसर में रिक्शा चालकों को पिछले एक महीने से प्रवेश नहीं दिया जा रहा था.
इस मामले को लेकर दाखिल याचिका पर आज गुजरात हाईकोर्ट में पश्चिम रेलवे के एसपी ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि रेलवे स्टेशन परिसर में रिक्शा चालकों को 10 मिनट तक सवारी प्राप्त करने की अनुमति दी गई है. Ahmedabad Railway Station
10 मिनट के लिए दी जाती है एंट्री
गुजरात उच्च न्यायालय में पश्चिम रेलवे एसपी अहमदाबाद द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि रेलवे स्टेशन परिसर में प्रवेश करने के लिए 10 मिनट की अनुमति दी गई थी ताकि रेलवे स्टेशन पर भीड़भाड़ न हो और सभी को सवारी पाने का मौका मिले. 10 से 15 मिनट की अनुमति के बाद रिक्शा चालक रेलवे स्टेशन में फिर से प्रवेश कर सकता है.
कोर्ट पहुंचा रिक्शा चालकों का मामला Ahmedabad Railway Station
अहमदाबाद रेलवे स्टेशन ऑटोरिक्शा चालक संघ के वकील के.आर. कोष्टि द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि पिछले एक महीने से रेलवे अधिकारियों और पुलिस ने रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों को छोड़ने या लेने के लिए रिक्शा चालकों को अनुमति नहीं दी है. इस तरह की नीति संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है.
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन Ahmedabad Railway Station
जनहित याचिका के अनुसार, अहमदाबाद रेलवे प्रशासन और पुलिस BRTS, ओला, उबेर, निजी टैक्सियों को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी है.
लेकिन रिक्शा चालकों को एक महीने से अनुमति नहीं दी गई है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. इस सिलसिले में रेलवे और पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई थी.
लेकिन कोई हल नहीं निकलने पर गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. Ahmedabad Railway Station
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोरोना महामारी और नाइट कर्फ्यू के कारण रिक्शा चालकों को कम यात्री मिलते है. Ahmedabad Railway Station
ऐसे में रिक्शा चालकों को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है जो संघ के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/gujrat-youth-congress/