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कोरोना मृतक के अंतिम संस्कार में शामिल होने की परिजनों को मिले अनुमति

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आकिब छीपा, अहमदाबाद: राज्य में कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के संबंध में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat HC) में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है जिसको लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट (Gujarat HC) में गुजरात में कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार में उनके परिजनों को शामिल होने देने की अनुमति को लेकेर पीआईएल डाली गई है.

इस मुद्दे पर, गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat HC) ने कहा कि लोगों को महामारी के कठिन समय में हस्तक्षेप करके अपनी जान को खतरे में नहीं डालना चाहिए. मामले में आगे की सुनवाई 3 हफ्ते के बाद होगी.

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पीआईएल में कहा गया है कि कोरोना के मृतकों के रिश्तेदारों को पीपीई किट सहित सभी सुरक्षा उपायों के साथ अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी जानी चाहिए. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat HC) के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और सुरक्षा के लिए यह एक कठिन समय है.

याचिकाकर्ता ने क्या कहा

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कोर्ट (Gujarat HC) में कहा कि वह कोरोना से जान गंवाने वाले मृतक के शव को लेने की इजाजत नहीं मांग रहे, लेकिन परिवार को पीपीई किट के उपयोग सहित सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करके मृतक का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी जानी चाहिए. वकील ने तर्क दिया कि यदि ग्राउंड स्टाफ सुरक्षा किट पहने हुए अंतिम संस्कार कर सकता है, तो रिश्तेदार भी ऐसा कर सकते हैं.

कोर्ट ने किया सवाल

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या उन्हें जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा है. कोर्ट ने पूछा, “क्या आपको लगता है कि लोग सख्त दिशानिर्देशों का पालन कर पाएंगे? पीपीई किट पहनने, उसे सील करने और प्रक्रिया को शुरू करने का काम कर पाएंगे? सरकार को इस पहलू से निपटने के लिए एक और विभाग बनाना होगा, ”

कोर्ट (Gujarat HC) ने कहा कि राज्य पहले से ही कोरोना संक्रमण का पता लगाने, प्रोटोकॉल बनाए रखने (सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क) जैसे मुद्दों से निपट रहा है और अब आप एक और विभाग चाहते हैं जो उन लोगों के परिवारों को संभालेगा जिन्होंने दुर्भाग्य से अपने स्वजनों को खो दिया है. गाइडलाइन पहले से हैं और वे इसका सख्ती से पालन कर रहे हैं. परिवार के सदस्यों को सुरक्षित दूरी से दाह संस्कार देखने की अनुमति है.

वहीं राज्य की ओर से उपस्थित एडवोकेट जनरल ने कहा कि वे आईसीएमआर दिशानिर्देशों का पालन करते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि किसी को भी शव को छूने की अनुमति नहीं है और परिवार के पांच सदस्यों को सुरक्षित दूरी से अंतिम संस्कार देखने की अनुमति है. सरकारी याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर किया है जहां उन्होंने बताया है कि वे आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हैं.

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