तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन दिल्ली में होने वाली हिंसा के बाद भी जारी है. Farmer leader Rakesh Tikait
कल शाम को एक वक्त ऐसा भी आया जब माना जाने लगा था कि आज रात किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा.
गणतंत्र दिवस पर होने वाली हिंसा के बाद गाजीपुर सीमा पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया.
इतना ही नहीं प्रदर्शन करने वाले किसानों को डीएम ने मौखिक धरनास्थल छोड़ने का निर्देश कर पानी और बिजली में कटौती कर दिया.
किसानों का आंदोलन फिर से हुआ जीवित Farmer leader Rakesh Tikait
इसी बीच एक और जानकारी सामने आई कि हिंसा भड़कने के आरोप में किसान नेता राकेश टिकैत के सामने हाजिर हो जाएंगे. Farmer leader Rakesh Tikait
लेकिन उससे पहले उन्होंने गाजीपुर सीमा पर पहुंचे और किसानों को संबोधित करते हुए आंसुओं का ऐसा सैलाब बहाया कि किसानों का आंदोलन एक बार फिर जीवित हो उठा.
सुबह से ही भारी संख्या में किसान प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे है. इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत का भी ऐलान हो गया है.
जयंत चौधरी ने संसद में उठना चाहिए मुद्दा
राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी आज सुबह किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य किसानों से मिलने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे. Farmer leader Rakesh Tikait
इस दौरान उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि किसानों को ऐसा आंदोलन करना चाहिए कि किसान विरोधी सोच रखने वाले तमाम लोग सियासत से बाहर हो जाएं.
इतना ही नहीं इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए.
अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी. प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें.
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर होने वाली हिंसा को लेकर जहां कुछ लोग किसान और किसान नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं किसान नेता इसे दिल्ली पुलिस की विफलता बता रहे हैं.
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे.
जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और MSP पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे. Farmer leader Rakesh Tikait
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