Bihar Covid-19 Data: बिहार में कोरोना की जांच रिपोर्ट के डेटा में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां पर मरीजों के टेस्ट रिपोर्ट के डेटा में बड़े पैमाने पर फर्जी एंट्री की गई है. गड़बड़ियां सरकारी अस्पतालों की कोरोना जांच रिपोर्ट के डेटा में सामने आई है. इस मसले पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाए हैं. Bihar Covid-19 Data
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अस्पतालों में दी गई कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट में मरीजों के नाम, नंबर सब की फर्जी एंट्री कर रिपोर्ट दे दी गई. ये खुलासा यहां जमुई, शेखपुरा और पटना जिलों के सरकारी अस्पतालों में कोविड डेटा की करीब 600 एंट्री की जांच में हुआ है. Bihar Covid-19 Data
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के जमुई जिले के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) ने कोरोना के 588 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया, जहां पर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. परीक्षण किए गए प्रत्येक मरीज का नाम, उसकी आयु और मोबाइल नंबर को एक चार्ट में नीचे रखा गया और पटना भेजा गया. लेकिन इस डेटा को साजिशन राज्य के अन्य जिलों के आंकड़ों के साथ एकत्र किया गया था. Bihar Covid-19 Data
तेजस्वी ने नीतीश को घेरा
तेजस्वी ने आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेता और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है. तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “बिहार की आत्माविहीन भ्रष्ट नीतीश कुमार सरकार के बस में होता तो कोरोना काल में गरीबों की लाशें बेच-बेचकर भी कमाई कर लेती.” Bihar Covid-19 Data
मैंने पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी। जब हमने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया था तो CM ने हमेशा की तरह नकार दिया।
इन्होंने अधिकारी बदल Anti-gen का वो “अमृत” मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हज़ार से 1 लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया। pic.twitter.com/zbqVEwd1bj
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 11, 2021
उन्होंने आगे कहा कि एक अखबार की जांच में यह साफ हो गया है कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़ंत टेस्टिंग दिखा अरबों का हेर-फेर कर दिया. Bihar Covid-19 Data
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में आगे लिखा, “हमारे द्वारा जमीनी सच्चाई से अवगत कराने के बावजूद मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बड़े अहंकार से दावे करते थे कि बिहार में सही टेस्ट हो रहे हैं. टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि फर्जी टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपयों का बंदरबांट किया है.” Bihar Covid-19 Data