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दिल्ली पुलिस का खुलासा- दिशा ने ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा था टूलकिट

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Toolkit Case: टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने अहम खुलासे किए हैं. दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा कि जनवरी महीने में टूलकिट बनाया गया था. पुलिस का दावा है कि इस टूल किट का मकसद दुष्प्रचार करना, डिजिटल स्ट्राइक करना, ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना, लोगों में असंतोष पैदा करना और किसान आंदोलन को धार देना था. Toolkit Case

किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले में खुलासा करते हुए दिल्‍ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई और दूसरों के साथ शेयर किया. Toolkit Case

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क्या बोले जॉइंट कमिश्नर

जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिंसा हुई. 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था. 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था.’ पुलिस के अनुसार, दिशा ने यह डॉक्‍यूमेंट क्‍लाइमेट एक्टिविस्‍ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किए थे.Toolkit Case

उन्‍होंने बताया कि 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ सर्च वारंट जारी हुआ जबकि 11 फरवरी को निकिता के यहां सर्च हुआ. इस दौरान हमें काफी सारे संवेदनशील सबूत मिले. निकिता से लिखित में लिया गया कि वो 12 फरवरी को मौजूद रहेगी. 11 जनवरी को जो ज़ूम मीटिंग हुई जिसमें खालिस्तानी ग्रुप कनाडियन महिला पुनीत के जरिये दिशा, निकिता, शांतनु और दूसरे लोगों को जोड़ा गया. एक वोट्स ग्रुप से ये लोग जुड़े थे जो 6 दिसंबर को बनाया गया. दिशा ने टूलकिट ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा. Toolkit Case

टूलकिट में डिजिटल स्ट्राइक का जिक्र

पुलिस का दावा है कि इस टूलकिट में तिथिवार एक्शन प्लान का वर्णन है. इसमें 26 जनवरी को डिजिटल स्ट्राइक का जिक्र है. पुलिस का दावा है कि टूलकिट के दूसरे भाग में भारत की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने की बात कही गई है, जैसे कि चाय और योग को और दुनिया के दूसरे देशों में भारत के दूतावास को निशाना बनाने का जिक्र था. Toolkit Case

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