Unnao Case: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में बुधवार रात तीन नाबालिग दलित लड़कियां खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं है. इनमें दो लड़कियों की मौत हो चुकी है जबकि तीसरी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है. उन्नाव की दिल दहलाने वाली घटना का उत्तर प्रदेश मनवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. Unnao Case
उन्नाव की दोनों दलित नाबालिग लड़कियों का पोस्टमार्टम हो चुका है. पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि दोनों लड़कियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है. दोनों ने मौत से करीब 6 घंटे पहले खाना खाया था. दोनों के पेट में 100 से लेकर 80 ग्राम तक खाना मिला है. खाने में जहर होने की वजह से मौत हो गई. Unnao Case
उधर इस घटना के बाद बबुरहा गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है. उन्नाव जनपद के नौ थानों की पुलिस फोर्स गांव में तैनात है. इसके साथ ही 19 दरोगाओं, 70 मुख्य आरक्षी, 30 सिपाहियों की अतिरिक्त तैनाती की गई. वहीं, पीड़िता के गांव में कई लोग धरने पर बैठे हुए हैं. इनके साथ मौजूद सपा कार्यकर्ता घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं. Unnao Case
प्रियंका ने जताया दुख
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रद्रेश के उन्नाव में दो लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने और एक लड़की के बेसुध पाए जाने की घटना को ‘दिल दहला देने वाली’ करार दिया. प्रियंका गांधी ने कहा कि तीसरी लड़की को उपचार के लिए दिल्ली पहुंचाया जाए. Unnao Case
कांग्रेस महासचिव ने फेसबुक पर लिखा, ”उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है. लड़कियों के परिवार की बात सुनना और तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच- पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है.” Unnao Case
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ”खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है. यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है. आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा?” प्रियंका ने कहा, ”यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुनें और त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए.” Unnao Case
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि बबुरहा गांव में एक ही परिवार की 15, 14 और 16 साल की तीन लड़कियां दोपहर करीब तीन बजे जानवरों के लिए चारा लेने घर से निकली थीं. देर शाम तक वापस ना आने पर परिजनों ने उनकी तलाश की तो वे तीनों गांव के बाहर खेत में बेसुध पड़ी मिलीं. वे एक दुपट्टे से बंधी हुई थीं.