अमरोहा की रहने वाली शबनम को अपने ही परिवार के 7 सदस्यों की जघन्य हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित एकमात्र महिला फांसीघर में फांसी देने की तैयारी की जा रही है.
इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनके बेटे ताज ने मां की फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है. Shabnam son president appeal
हालांकि राष्ट्रपति की ओर से पहले से ही उनकी दया याचिका को ठुकरा दी गई है.
शबनम के बेटे ने राष्ट्रपति से की अपील Shabnam son president appeal
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बामनखेड़ी कांड में दोषी शबनम की फांसी की संभावनाओं के बीच उनके बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए शबनम के बेटे ताज ने कहा कि “मेरी राष्ट्रपति जी से अपील है कि मेरी मां को फांसी न दें. मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं.”
ठुकरा चुके हैं दया याचिका
उल्लेखनीय है कि अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अप्रैल 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की मौत की सजा को बरकरार रखा था. इतना ही नहीं राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया है. Shabnam son president appeal
इसलिए शबनम आजादी के बाद फांसी पर चढ़ने वाली पहली महिला कैदी होगी.
क्या है पूरा मामला Shabnam son president appeal
शबनम के परिजन ने उसको अच्छी शिक्षा दी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह शिक्षामित्र बन गई. लेकिन इसी दौरान उसे सलीम से प्यार हो गया.
घरवालों को शबनम का प्यार मंजूर नहीं था क्योंकि उसका आशिक दूसरी जाति का था. इससे परेशान होकर प्रेमी और प्रेमिका ने ऐसे काम किया जिससे पूरा देश हिल गया था.
14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया. इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था.
उसके बाद परिवार के सात सदस्यों का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया. Shabnam son president appeal
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