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गुजरात नगर निगम चुनाव: 2015 के मुकाबले 2021 में कम हुई वोटिंग, क्या कोरोना है कारण?

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Gujarat Corporation Poll: गुजरात में 6 नगर निगम चुनाव के लिए आज मतदान हुआ. इसके साथ ही तमाम प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई. वोटों की गिनती 23 फरवरी को होगी लेकिन इस बार की सुस्त वोटिंग से प्रत्याशी निराश हैं. कारण राज्य में मतदाताओं की बेरुखी है. 2015 की तुलना में 2021 में कम वोट पड़े हैं. Gujarat Corporation Poll

राज्य में नगर निगम चुनाव के लिए औसतन 41 फीसदी मतदान हुआ. इस बार सबसे ज्यादा मतदान जामनगर में दर्ज किया गया जबकि सबसे कम अहमदाबाद में वोटिंग हुई. Gujarat Corporation Poll

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अहमदाबाद में 2015 में 46.51 प्रतिशत मतदान हुआ था लेकिन 2021 में मतदान का प्रतिशत 37.81  रह गया. यानी अहमदाबाद में पिछली बार की तुलना में 8.7 प्रतिशत कम मतदान हुआ. Gujarat Corporation Poll

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ऐसे ही राजकोट नगर निगम में 45.71 प्रतिशत मतदान हुआ. यहां 2015 में 49.72 प्रतिशत वोट पड़े थे.

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इसी तरह सूरत में मतदान 42.11 प्रतिशत वोटिंग हुई जो कि 2015 में हुए 39.63 प्रतिशत मतदान से कम है.

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भावनगर में 43.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन यहां भी 2015 में 47.45 प्रतिशत मतदान हुआ था. Gujarat Corporation Poll

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जहां तक ​​वडोदरा का सवाल है तो यहां 2015 में 48.71 प्रतिशत वोटिंग हुई थी जबकि 2021 में यहां केवल 42.84 प्रतिशत मतदान हुआ.

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यूं तो जामनगर में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई लेकिन यहां भी पिछली बार की तुलना में कम वोट पड़े. जामनगर में इस बार 49.64 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2015 में यहां 56.76 प्रतिशत मत पड़े थे. Gujarat Corporation Poll

क्या कोरोना ने डाला असर

राज्य में कम मतदान के पीछे एक बड़ी वजह कोरोना महामारी को माना जा सकता है. कोरोना के कारण लोगों ने घर से निकलना कम कर दिया है. घर से बाहर निकलने पर अगर बिना मास्क के पकड़े गए तो लोगों को भारी हर्जाना भरना पड़ा है. वहीं कई ऐसे आम मुद्दे हैं जिनके कारण लोगों ने इस बार मतदान नहीं करने का फैसला किया होगा. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के अलावा नगर निगमों में खराब सड़कों, और खराब पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है जिसको लेकर इस बार के चुनावी प्रचार में किसी पार्टी ने रूची नहीं दिखाई. Gujarat Corporation Poll

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