गीता प्रेस (Geeta Press) ट्रस्ट के अध्यक्ष और धार्मिक पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका का शनिवार को 87 साल की उम्र में निधन हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र राजाराम खेमका ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनके निधन से गीता प्रेस समेत धर्म-कर्म से जुड़े क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. Geeta Press
खेमका के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. पीएम ने ट्वीट करके लिखा, गीता प्रेस के अध्यक्ष और सनातन साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने वाले राधेश्याम खेमका जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. खेमका जी जीवनपर्यंत विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!
गीता प्रेस के अध्यक्ष और सनातन साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने वाले राधेश्याम खेमका जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। खेमका जी जीवनपर्यंत विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2021
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राधेश्याम खेमका अपने पीछे पुत्र राजाराम खेमका, पुत्री राज राजेश्वरी, भतीजों गोपाल खेमका, कृष्ण कुमार खेमका व गणेश कुमार खेमका समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. निधन की सूचना मिलने के बाद गीता प्रेस में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रेस के कर्मचारियों ने उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. Geet a Press
बीमार चल रहे थे खेमका
राधेश्याम खेमका पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और रविन्द्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उन्होंने केदारघाट स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. एक पखवारे से बीमार चल रहे राधेश्याम खेमका को रवींद्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. Geeta Press
राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों तक गीताप्रेस में कल्याण समेत अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया. वे वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल, बिड़ला अस्पताल, काशी गोशाला ट्रस्ट से भी जुड़े रहे. Geeta Press