अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. कोरोना की वजह से प्रशासन ने भले ही तालाबंदी की घोषणा नहीं की हो, लेकिन सेल्फ लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो गई है.
सूरत के बाद अहमदाबाद में स्वैच्छिक लॉकडाउन की मांग की जा रही है. शहर में रोजाना दर्ज होने वाले नए मामले अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. Ahmedabad Voluntary Lockdown
दैनिक मामलों में भारी वृद्धि के बाद अब लोग स्वैच्छिक तालाबंदी की मांग कर रहे हैं. Ahmedabad Voluntary Lockdown
कोरोना की वजह से अहमदाबाद की हालत खराब
अहमदाबादवासी यह भी मानने लगे हैं कि अहमदाबाद में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन एकमात्र विकल्प है. Ahmedabad Voluntary Lockdown
परिणामस्वरूप व्यापारी और दुकानदारों ने शनिवार और रविवार को अपनी दुकानों को बंद रखा था.
कोरोना पर काबू पाने के लिए शहर के अधिकांश बाजारों के दुकानदारों ने दोपहर बाद स्वैच्छिक बंद रखने का फैसला किया है.
शहर के कई हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन Ahmedabad Voluntary Lockdown
कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए साबरमती क्षेत्र में व्यापारी आगे आए हैं. व्यापारियों ने फैसला किचया है कि 3:30 बजे के बाद अपने व्यवसाय को बंद कर स्वैच्छिक बंद में हिस्सा लेंगे.
इसी तरह निर्णयनगर-रानीप इलाके के व्यापारियों और नेताओं ने भी 25 अप्रैल तक दोपहर 2 बजे के बाद स्वैच्छिक बंद का फैसला किया है. Ahmedabad Voluntary Lockdown
हालांकि की इस दौरान दवा और जरूरी सेवा की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है.
कई गांवों में स्वैच्छिक तालाबंदी Ahmedabad Voluntary Lockdown
कई गाँवों में स्वैच्छिक तालाबंदी की घोषणा पहले से ही एहतियात के तौर पर की गई है. ताकि शहरों की तरह गाँवों में फिर से कोरोना के कहर को रोका जा सके.
गांधीनगर के पास मौजूद लवारपुर गांव में 14 दिनों के लिए स्वैच्छिक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. राजकोट के हडाणा और गोंडल के गामटा गाँव को भी बंद रखने का फैसला किया गया है.
बायड में भी शनिवार और रविवार को वीकेंड तालाबंदी की घोषणा की है. रापर के फतेहगढ़ को भी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. Ahmedabad Voluntary Lockdown
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