बिहार की सियासत में एक वक्त में अहम भूमिका अदा करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत तेज हो गई है. चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ गया है. एक धड़ा रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को अपना नेता मान रहा है तो दूसरा पासवान के पुत्र चिराग पासवान को अपना नेता मान रहे हैं. इस बीच पार्टी चिराग पासवान के गुट की दिल्ली में रविवार को 11 बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. LJP National Executive Meeting
लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर रख चुके हैं अपना पक्ष LJP National Executive Meeting
इससे पहले शनिवार को चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था. बिरला से मिलने के बाद चिराग पासवान ने कहा कि यह गैरक़ानूनी है, यह ग़लत है. हमारी पार्टी का संविधान इस बात की इजाज़त नहीं देता है. लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान के अनुसार सदन और विधानसभा में निर्वाचन हमारी संसदीय बोर्ड के द्वारा स्वीकृत होता है. मैंने लोकसभा अध्यक्ष से इसकी समीक्षा करने के लिए कहा. LJP National Executive Meeting
पार्टी का मालिकाना हक को लेकर छिड़ा विवाद LJP National Executive Meeting
इतना ही नहीं चिराग पासवान ने आगे कहा कि मैंने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ दिल्ली में मुलाकात की. मैंने उनसे सदन में मेरे चाचा पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी का नेता चुने जाने पर उनके द्वारा लिए गए निर्णय के संदर्भ में बातचीत की.
वहीं इस बीच पारस के नेतृत्व वाली एलजेपी ने शनिवार को पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया था. इससे पहले पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति पारस को LJP का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया था. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रजातंत्र से पार्टी चलती है, प्रजातंत्र से देश चलता है, प्रजातंत्र से संविधान चलता है. चाचा और भतीजे की जब बात है, जब भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा. LJP National Executive Meeting
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