केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान और सरकार के बीच ठनी रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही. राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान पिछले 7 महा से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे हैं. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं वहीं सरकार बातचीत के रास्ते कोई बीच का रास्ता निकालने की लागातर कोशिश कर रही है. लेकिन सरकार के हाथों अभी तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार के भी विचार बदल गए हैं. उनके अनुसार विवादास्पद कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज कर देने के बजाए इसके उस भाग में संशोधन किया जाना चाहिए जिससे किसानों को दिक्कत हो रही है. government farmer talks ready
पीछे हटकर ही समाधान निकल सकता है government farmer talks ready
शरद पवार के इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि शरद पवार ने भारत सरकार को कहा है कि बातचीत होनी चाहिए और समाधान होना चाहिए. कुछ किसान पीछे हटें, कुछ सरकार पीछे हटे और बातचीत से इसका समाधान निकले. सरकार को बात माननी चाहिए. government farmer talks ready
आज भी सरकार किसानों संग बातचीत करने को तैयार government farmer talks ready
वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है. जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए. मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं. किसान यूनियनों को कृषि क़ानूनों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन बिंदुओं पर भारत सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि शरद पवार के राय पर केंद्र सरकार सहमत है. हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है. केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें. government farmer talks ready
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