गांधीनगर: गुजरात में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत गैर-आरक्षित वर्ग के छात्रों को पिछले 15 माह से देय शैक्षणिक सहायता की राशि नहीं मिली है. राज्य के निजी स्कूल-कॉलेज के संचालक ऐसे छात्रों पर फौरन स्कूल फीस भरने का दबाव डाल रहे हैं. लेकिन गुजरात सरकार ने छात्रों की छात्रवृत्ती और शैक्षणिक सहायता को जारी नहीं कर रही. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बार-बार राज्य सरकार से अनुरोध करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया. Gujarat Congress CM Rupani letter
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को लिखे पत्र में कहा कि मंदी-महंगाई-महामारी के बीच सामान्य मध्यमवर्गीय गैर-आरक्षित छात्रों को महंगी फीस की वजह से पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं स्कूल संचालक के दबाव में पैसे उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कोरोना काल में निजी स्कूल-कॉलेजों के संचालक फीस के नाम पर वसूली कर रहे हैं. मेडिकल और डेंटल समेत वोकेशनल कोर्स के संचालक एडवांस फीस के लिए स्पष्ट नोटिस दे रहे हैं और फीस भरने में देरी होने पर पेनल्टी लगाने की धमकी दे रहे हैं. इस पूरे मामले में राज्य सरकार निजी कॉलेज संचालकों का पक्ष लेती दिख रही है और मध्यमवर्गीय अभिभावकों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है. Gujarat Congress CM Rupani letter
मनीष दोशी ने आगे कहा कि गैर-आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलने वाले शैक्षणिक लाभ- लंबे समय से रोकी गई छात्रवृत्ति की राशि तत्काल जारी की जाए. जिससे मंदी-महंगाई और महामारी की चपेट में आए सामान्य और मध्यम वर्ग के छात्रों से कुछ हद तक राहत मिल सके. Gujarat Congress CM Rupani letter
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