महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान देना महंगा पड़ गया है. राणे को आज दोपहर रत्नागिरी पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब वह रत्नागिरी के चिपलून में जन आशीर्वाद यात्रा कर रहे थे. गिरफ्तारी की ऑर्डर जारी होने के बाद रत्नागिरी की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है.
इतना ही नहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए राणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. गौरतलह है कि बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने को लेकर बयान दिया था. इस विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ पुणे के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना की शिकायत के बाद FIR दर्ज़ की गई थी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए नारायण राणे के ख़िलाफ़ IPC की धारा 153 और 505 के तहत FIR दर्ज़ की गई है.
गिरफ्तारी की जानकारी सामने आने पर नारायण राणे ने सीएम ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस सीएम को यह पता नहीं कि देश को आजाद हुए कितने साल हुए, क्या यह देश का अपमान नहीं? यह राष्ट्रद्रोह है. मैं इस मामले को लेकर सीएम के खिलाफ केस दर्ज करवाने की तैयारी कर रहा हूं. राणे ने आगे कहा कि कान के नीचे लगाना यह बोलना कोई गुनाह नहीं है.
शिवसेना कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ मुंबई के लालबाग में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मौके पर मुंबई मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि संसद के मंत्री जो खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं वे अपने ही मुख्यमंत्री(महाराष्ट्र CM) के संविधान पद का अपमान करता है, उसके खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं.
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