गांधीनगर: नए कृषि कानून के लागू होने के बाद गुजरात में अबतक 15 एपीएमसी को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं 114 एपीएमसी जल्द ही बंद हो सकते हैं. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के कारण गुजरात में कुल 224 APMC बंद हो सकते हैं. इस कानून की वजह से कुछ एपीएमसी की आय बिल्कुल बंद हो गई है. जिसकी वजह से कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
किसान अभी भी दिल्ली की सीमा पर नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 10 माह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस सिलसिले में गुजरात कांग्रेस किसान सेल के अध्यक्ष पाल आंबलिया ने कृषि कानून को काला कानून करार दिया है. पाल आंबलिया ने आरोप लगाया कि काले कानून के कारण आज 15 एपीएमसी बंद कर दी गईं. दूसरी ओर किसान संघ के अध्यक्ष दिलीप सखिया ने इस बात से इनकार किया कि कृषि कानूनों के कारण एपीएमसी को बंद किया गया है. दिलीप सखिया का कहना है कि जो बंद हुए हैं वह एपीएमसी थे ही नहीं.
वहीं सूरत के किसान नेता जयेश पटेल ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद है. जयेश पटेल ने कहा कि भारत सरकार ने जिस तरह से कृषि कानूनों में संशोधन किया है, उससे किसानों को फायदा हुआ है. एक देश एक बाजार दृष्टिकोण से किसानों को पूरे देश के बाजार के बारे में जागरूक किया है.
किसान अपनी उपज राज्य और देश में बेच सकते हैं जहां उनको अच्छी कीमत मिल रही है. सरकार द्वारा बाजार में सेस बंद किए जाने से किसानों को सीधा फायदा हो रहा है. सूरत एपीएमसी में पूरे महाराष्ट्र और देश से किसान सब्जी बेचने के लिए आते हैं. इसी तरह उंझा में देश भर से किसान दलहन और अन्य उत्पाद बेचने के लिए आते हैं.
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