भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा नए मामले केरल में दर्ज हो रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर से अभी केरल जूझ रहा था कि एक नया खतरा मंडराने लगा है. केरल के कोझीकोड ज़िले में निपाह वायरस का एक मामला सामने आया है. केंद्र सरकार ने तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की एक टीम को राज्य में भेजा है.
केरल के कोझीकोड ज़िले में 3 सितंबर को निपाह वायरस का एक संदिग्ध मामला सामने आया था, जिसमें 12 वर्षीय एक बच्चे में इंसेफेलाइटिस और मायोकार्डिटिस के लक्षण पाए गए थे. जिसके बाद लड़के को फौरन इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन आज सुबह उसका निधन हो गया.
निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आने पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि हमने स्थिति को संभालने के लिए टीमों का गठन किया है. कांटेक्ट ट्रेसिंग और अन्य उपाय हमने पहले ही शुरू कर दिए गए हैं. फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है.
दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला केरल के कोझिकोड में 19 मई 2018 को सामने आया था. लेकिन कुछ ही दिनों में इसकी संख्या बढ़कर 18 हो गई थी. यह वायरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चपेट में 18 में से 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
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